फ़ैक्ट चेक: क्या हिंदुओं को गुलाम बनाने वाले है आर्टिक्ल 28,29,और 30A?

जो पोस्ट शेयर की जा रही है उसमें लिखा गया है, हिंदुओं को गुलाम बनाने का जीता जागता उदाहरण है धारा 28,29 और 30A , इन धाराओं में लिखा हुआ है कि मुस्लिम स्कूल में कुरान पढ़ाया जा सकता है ,ईसाई स्कूल में बाइबिल पढ़ाया जा सकता है मगर किसी भी हिन्दी स्कूल में वेद गीता या रामायण नहीं पढ़ाया जा सकता है ।
आवाज़ 24X7 की पड़ताल में पाया कि संविधान में आर्टिकल 28,29 और 30 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो गीता पढ़ाने का निषेध करता हो और कुरान या बाइबिल पढ़ाने को कहता हो ।
यह पोस्ट सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही है और वायरल करने वाले बिना जाने समझे एक दूसरे को साझा भी कर देते है जो एक तरह से गैर कानूनी भी है ।
क्या कहता है आर्टिक्ल 28 ?
(कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता) राज्य विधि से पूर्णतः पोषित किसी शिक्षा संस्था में धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी। ऐसे शिक्षण संस्थान अपने विद्यार्थियों को किसी धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने या किसी धर्मोपदेश को सुनने हेतु बाध्य नहीं कर सकते ।
क्या कहता है अनुच्छेद 29 ?
1-भारत के राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के निवासी नागरिकों के किसी अनुभाग को, जिसकी अपनी विशेष भाषा, लिपि या संस्कृति है,उसे बनाए रखने का अधिकार होगा ।
2-राज्य द्वारा पोषित या राज्य-निधि से सहायता पाने वाली किसी शिक्षा संस्था में प्रवेश से किसी भी नागरिक को केवल धर्म, मूलवंश, जाति, भाषा या इनमें से किसी के आधार पर वंचित नहीं किया जाएगा।
क्या कहता है अनुच्छेद 30A ?
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यक वर्गों के लिए शैक्षिक संस्थानों की स्थापना करने और उसके संचालन के बारे में है ।
आर्टिकल 30(1) कहता है कि धर्म या भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक वर्गों को अपनी रुचि की शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार होगा ।
आर्टिकल 30(1A) किसी अल्पसंख्यक-वर्ग द्वारा स्थापित और प्रशासित शिक्षा संस्था की संपत्ति के अनिवार्य अर्जन को सुनिश्चित करता है ।
आर्टिकल 30(2) कहता है कि शिक्षा संस्थाओं को सहायता देने में राज्य किसी शिक्षा संस्था के विरुद्ध इस आधार पर विभेद नहीं करेगा कि वह धर्म या भाषा पर आधारित किसी अल्पसंख्यक-वर्ग के प्रबंधन में है ।
आवाज़ 24X7 की पढ़ताल में पाया गया कि इस तरह कि फर्जी खबर का संविधान के अनुच्छेद 28,29 और 30(A) में कोई अस्तित्व ही नहीं है ।
हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष है और इसमें ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है कि मुस्लिम स्कूल में कुरान पढ़ाया जा सकता है ईसाई स्कूल में बाइबिल और स्कूलों में गीता नहीं पढ़ाई जा सकती ।
आवाज़ 24X7 सभी जन मानस से प्रार्थना करता है इस तरह की फर्जी पोस्ट न करें और न ही अपने साथ के लोगों को साझा कर गुमराह करें क्योंकि अगर इसी तरह बिना जाँचे परखे हम फर्जी जानकारी को एक दूसरे को पहुंचाने का माध्यम बनते है तो दोषी हम ही है और एक दिन हमारे चारों तरफ एक ऐसा समाज बन जाएगा जिसकी बुनियाद झूठ और फरेब पर टिकी होगी ।