गुरुग्राम में शिकायत निवारण: मुख्यमंत्री सैनी ने 14 मामलों का किया त्वरित समाधान

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुग्राम में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को जनभावनाओं का सम्मान करने और नागरिकों की शिकायतों का ईमानदारी से निवारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार अंत्योदय उत्थान के ध्येय के साथ कार्य कर रही है, और आमजन की समस्याओं का त्वरित समाधान सरकार की प्राथमिकता है। बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, पटौदी विधायक बिमला चौधरी, सोहना विधायक तेजपाल तंवर, गुरुग्राम विधायक मुकेश शर्मा, मानेसर मेयर डॉ. इंद्रजीत यादव, जीएमडीए के सीईओ श्यामल मिश्रा, मंडलायुक्त आर.सी. बिढान, उपायुक्त अजय कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में कुल 18 परिवाद प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 14 का मुख्यमंत्री ने मौके पर ही निपटारा कर दिया। शेष चार मामलों को अगली बैठक तक लंबित रखने के निर्देश दिए गए, और संबंधित अधिकारियों को इनकी स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया। एक प्रमुख शिकायत देवत कॉलोनी निवासी प्रमोद कुमार की थी, जिन्होंने जुलाई की बैठक में बताया था कि उनकी कॉलोनी की 24 फुट चौड़ी गली में पड़ोसी ने 16 वर्षों से 12 फुट रास्ते पर अवैध कब्जा कर रखा था, जिससे आवाजाही बाधित थी। मुख्यमंत्री के पूर्व निर्देश पर नगर निगम ने कार्रवाई की, और शिकायतकर्ता ने बताया कि अवैध कब्जा हट गया है। उन्होंने इस त्वरित समाधान के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। सूर्य विहार रेज़िडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की शिकायत में कॉलोनी में 30 साल पुरानी लटकती तारों और जर्जर खंभों से दुर्घटना की आशंका जताई गई थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर डीएचबीवीएन ने सभी पुराने कंडक्टर और खंभे बदल दिए, जिसके लिए शिकायतकर्ता ने आभार व्यक्त किया। एक अन्य मामले में, सेक्टर-85 ओरिस सोसायटी के निवासियों ने बताया कि उनकी सोसायटी को द्वारका एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाली 24 मीटर चौड़ी सड़क कुछ भू-मालिकों द्वारा अवरुद्ध है, जिससे संकीर्ण और असुरक्षित रास्तों का उपयोग करना पड़ रहा है। इस पर सैनी ने डीटीपी और एसटीपी को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जनता की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करना सरकार का दायित्व है। यह बैठक हरियाणा सरकार की जन-केंद्रित नीतियों और त्वरित शिकायत निवारण की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिससे नागरिकों का विश्वास और सुविधाएँ बढ़ रही हैं।