बिहार में मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना बनी वरदान! नीतीश सरकार की पहल से हजारों मासूमों को मिली संजीवनी

Chief Minister Bal Hriday Yojana became a boon in Bihar! Thousands of innocent children got a new lease of life due to Nitish government's initiative

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर शुरू की गई मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना बिहार में दिल में छेद जैसी गंभीर जन्मजात बीमारी से पीड़ित बच्चों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों का नि:शुल्क हृदय उपचार और सर्जरी की सुविधा दी जा रही है।  मेरा बच्चा मासूम है, उसके हृदय में छेद है, मेरे पास इतने पैसे कहां हैं, जो इसका इलाज करा पाऊंगी।" ऐसे लाचार शब्द अब बिहार में बीते दिनों की बात हो गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर शुरू की गई मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना ने न सिर्फ मासूम बच्चों को नया जीवन दिया है,बल्कि कई टूटते घरों को फिर से संजीवनी दी है।

राज्य सरकार की इस योजना के तहत बिहार में हृदय रोग से पीड़ित 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों का नि:शुल्क उपचार और शल्य चिकित्सा कराई जाती है। वित्तीय वर्ष 2024 25 में अब तक 763 बच्चों का सफल ऑपरेशन हो चुका है। अब ये बच्चे सामान्य जीवन जी रहे हैं और उनके घरों में एक बार फिर से खुशियां लौट आई हैं। मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत वर्ष 2021 से अब तक 1,828 बच्चों का सफल ऑपरेशन किया जा चुका है। इनमें से 1,391 बच्चों की सर्जरी अहमदाबाद स्थित श्री सत्य साईं हृदय अस्पताल में कराई गई। योजना की शुरुआत 5 जनवरी, 2021 को सात निश्चय पार्ट 2 के तहत की गई थी। पटना के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान और इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान को विशेष केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। अब तक राज्य में 9 स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें हजारों बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। इस योजना के तहत बच्चों की शुरुआती जांच, यात्रा खर्च, अस्पताल में भर्ती से लेकर ऑपरेशन तक का पूरा खर्च बिहार सरकार वहन करती है। एक अध्ययन के मुताबिक हर 1,000 नवजात में से 9 बच्चे जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित होते हैं, जिनमें से 25% को पहले वर्ष में सर्जरी की जरूरत पड़ती है। जल्द ही 18 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे लोगों को भी इस योजना के तहत निःशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी, जो दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित हैं। इसके लिए श्री सत्य साईं हृदय अस्पताल, अहमदाबाद में इलाज की तैयारी की जा रही है। राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और शीघ्र ही इसे लागू किया जाएगा।