उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा 2025: बागेश्वर के छात्रों का जलवा! 10वीं और 12वीं के टॉपर्स ने रचा इतिहास

Uttarakhand Board Exam 2025: Students of Bageshwar shine! Toppers of 10th and 12th created history

उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा 2025 के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं,और इस बार बागेश्वर जिले ने सफलता की एक नई इबारत लिख दी है। हाईस्कूल (10वीं) परीक्षा में बागेश्वर के कमल सिंह और जतिन कुसुमखेड़ा ने संयुक्त रूप से टॉप करते हुए 496 अंक (500 में से) प्राप्त किए हैं। यह उपलब्धि पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय है और खासकर बागेश्वर जिले के लिए प्रेरणादायक है। दोनों होनहार छात्र अपनी मेहनत, अनुशासन और परिवार व शिक्षकों के मार्गदर्शन से इस मुकाम तक पहुंचे हैं। जहां एक ओर कमल सिंह ने विज्ञान विषयों में उत्कृष्टता दिखाई, वहीं जतिन ने भी गणित और सामाजिक विज्ञान में शानदार प्रदर्शन किया। दोनों ही छात्र अब आगे साइंस स्ट्रीम में जाकर इंजीनियरिंग व तकनीकी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं।

इंटरमीडिएट परीक्षा में अनुसुइया राणा (देहरादून) ने प्रथम स्थान प्राप्त कर राज्यभर में अपना नाम रोशन किया है। अनुसुइया ने न केवल विज्ञान विषय में असाधारण अंक प्राप्त किए, बल्कि अपने अनुशासित जीवनशैली और पढ़ाई के प्रति समर्पण से यह सिद्ध कर दिया कि लक्ष्य स्पष्ट हो तो कोई भी बाधा आड़े नहीं आती। उनके बाद द्वितीय स्थान पर केशव भट्ट और कोमल तिवारी ने संयुक्त रूप से जगह बनाई है। दोनों ही छात्राओं ने समान अंक अर्जित कर यह दिखाया कि लड़के और लड़कियां दोनों ही बराबरी से सफलता की दौड़ में आगे बढ़ सकते हैं। दोनों की सफलता का राज कठिन परिश्रम, आत्मविश्वास और निरंतर अभ्यास रहा। तीसरे स्थान पर आयुष रावत ने जगह बनाकर सभी को चौंकाया है। आयुष ने सीमित संसाधनों में रहकर भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और यह साबित किया कि यदि मन में ठान लिया जाए तो कोई भी कठिनाई रास्ते की रुकावट नहीं बन सकती।

उधर परिणाम घोषित होने के बाद मुख्यमंत्री ने सभी टॉपर्स को बधाई देते हुए कहा, “उत्तराखंड के होनहार छात्र-छात्राओं ने पूरे राज्य का मान बढ़ाया है। सरकार ऐसे प्रतिभावान विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के हर संभव अवसर प्रदान करेगी।” वहीं, शिक्षा मंत्री ने भी सभी सफल विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और उनके शिक्षकों व अभिभावकों को बधाई दी। उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा 2025 के परिणाम इस बात का प्रमाण हैं कि कड़ी मेहनत, लगन और परिवार का सहयोग मिल जाए तो किसी भी लक्ष्य को पाया जा सकता है। बागेश्वर के कमल सिंह और जतिन कुसुमखेड़ा से लेकर देहरादून की अनुसुइया राणा तक, इन विद्यार्थियों की कहानियां आज के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।