प्रधानमंत्री मोदी ने 'मन की बात' में साझा की प्रेरणादायक कहानियां! कहा-गौरव के नए अध्याय लिख रहा है भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में देशवासियों को संबोधित करते हुए विज्ञान, खेल, संस्कृति और विरासत से जुड़ी उपलब्धियों पर गर्व जाहिर किया और कुछ प्रेरणादायक कहानियां भी साझा कीं। कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की सफल वापसी का जिक्र करते हुए कहा,पिछले कुछ हफ्तों में, स्पोर्ट्स हो,साइंस हो या संस्कृति, बहुत कुछ ऐसा हुआ है जिस पर हर भारतवासी को गर्व है। अभी हाल ही में शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से वापसी को लेकर देश में बहुत चर्चा हुई। जैसे ही शुभांशु धरती पर सुरक्षित उतरे, लोग उछल पड़े, हर दिल में खुशी की लहर दौड़ गई। पूरा देश गर्व से भर गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने याद करते हुए कहा, "मुझे याद है, जब अगस्त 2023 में चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हुई थी तब देश में एक नया माहौल बना। साइंस को लेकर, स्पेस को लेकर बच्चों में एक नई जिज्ञासा भी जागी। अब छोटे-छोटे बच्चे कहते हैं, हम भी स्पेस में जाएंगे, हम भी चाँद पर उतरेंगे-स्पेस साइंटिस्ट बनेंगे। इसके साथ ही पीएम ने इंटरनेशनल ओलंपियाड में भारतीय छात्रों की सफलता पर भी रौशनी डाली और कहा, "कुछ दिन पहले हमारे छात्रों ने इंटरनेशनल केमिस्ट्री ओलंपियाड में मेडल जीते हैं। देवेश पंकज, संदीप कुची, देबदत्त प्रियदर्शी और उज्ज्वल केसरी, इन चारों ने भारत का नाम रोशन किया। मैथ्स की दुनिया में भी भारत ने अपनी पहचान को और मजबूत किया है। ऑस्ट्रेलिया में हुए इंटरनेशनल मैथमेटिकल ओलंपियाड में हमारे स्टूडेंट्स ने 3 गोल्ड, 2 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है।
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि अगले महीने भारत एक और अंतरराष्ट्रीय आयोजन की मेजबानी करेगा. पीएम मोदी ने कहा, अगले महीने मुंबई में एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोफिजिक्स ओलंपियाड होने जा रहा है। इसमें 60 से ज्यादा देशों के छात्र आएंगे। वैज्ञानिक भी आएंगे। यह अब तक का सबसे बड़ा ओलंपियाड होगा। एक तरह से देखें तो भारत अब ओलंपिक और ओलंपियाड, दोनों के लिए आगे बढ़ रहा है। इसके बाद प्रधानमंत्री ने यूनेस्को द्वारा 12 मराठा किलों को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स के रूप में मान्यता देने की घोषणा को गौरवपूर्ण बताया, और कहा, "यूनेस्को ने 12 मराठा किलों को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स के रूप में मान्यता दी है। ग्यारह किले महाराष्ट्र में, एक किला तमिलनाडु में। हर किले से इतिहास का एक-एक पन्ना जुड़ा है. हर पत्थर, एक ऐतिहासिक घटना का गवाह है। पीएम ने इन किलों की ऐतिहासिक महत्ता बताते हुए कहा, "सल्हेर का किला, जहां मुगलों की हार हुई. शिवनेरी, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ। खानदेरी का किला, समुद्र के बीच बना अद्भुत किला। प्रतापगढ़ का किला, जहां अफजल खान पर जीत हुई। विजयदुर्ग, जिसमें गुप्त सुरंगें थीं। मैंने कुछ साल पहले रायगढ़ का दौरा किया था. छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने नमन किया था। ये अनुभव जीवन भर मेरे साथ रहेगा।
प्रधानमंत्री ने देशभर के अन्य किलों का भी उल्लेख किया और लोगों से अपने इतिहास को जानने का आग्रह किया, "देश के और हिस्सों में भी ऐसे ही अद्भुत किले हैं, जिन्होंने आक्रमण झेले, खराब मौसम की मार झेली, लेकिन आत्मसम्मान को कभी नहीं झुकने दिया। राजस्थान के चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, रणथंभौर, आमेर और जैसलमेर के किले विश्व प्रसिद्ध हैं। कर्नाटक में गुलबर्गा का किला बहुत बड़ा है। चित्रदुर्ग के किले की विशालता भी अद्भुत है. उत्तर प्रदेश के बांदा में कालिंजर किला है। महमूद गजनवी ने कई बार इस किले पर हमला किया और हर बार असफल रहा। बुन्देलखंड में ग्वालियर, झांसी, दतिया, अजयगढ़, गढ़कुंडार और चंदेरी जैसे किले हैं। ये सिर्फ ईंट-पत्थर नहीं हैं, ये हमारी संस्कृति के प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री ने अगस्त महीने की क्रांतिकारी महत्ता का जिक्र किया और कहा "अगस्त का महीना क्रांति का महीना है। 1 अगस्त को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि होती है। 8 अगस्त को गांधी जी के नेतृत्व में 'भारत छोड़ो आंदोलन' शुरू हुआ था। फिर आता है 15 अगस्त-स्वतंत्रता दिवस लेकिन 14 अगस्त को हम 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में भी याद करते हैं। प्रधानमंत्री ने महिला सशक्तिकरण की प्रेरणादायक कहानियां भी साझा कीं और कहा, "महाराष्ट्र के पैठण गांव की कविता धवले पहले एक छोटे से कमरे में काम करती थीं। सरकार से मदद मिली, अब वो तीन गुना ज्यादा कमा रही हैं। उड़ीसा के मयूरभंज की 650 से ज्यादा आदिवासी महिलाओं ने संथाली साड़ी को फिर से जीवित किया है। बिहार के नालंदा से नवीन कुमार की उपलब्धि भी प्रेरणादायक है। उनके बच्चे हैंडलूम टेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर रहे हैं, बड़े ब्रांड्स में काम कर रहे हैं। ये बदलाव सिर्फ एक परिवार का नहीं, अनेक परिवारों को आगे बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के आखिरी में त्यौहारों का जिक्र किया और स्वच्छता पर जोर देने की अपील की।