उत्तराखण्डः नेता प्रतिपक्ष ने उठाई मजदूरों की आवाज! सीएम धामी को लिखा पत्र, बोले- फैक्ट्रियों और उद्योगों में किया जा रहा मजदूरों का शोषण

देहरादून। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखते हुए उत्तराखण्ड की फैक्ट्रियों और उद्योगों में मजदूरों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने पत्र में कहा कि प्रदेश की फैक्ट्रियों और उद्योगों में कार्यरत मजदूरों से प्रतिदिन 12 घंटे काम कराया जाता है, जबकि श्रम कानूनों के अनुसार कोई भी मजदूर 8 घंटे से अधिक कार्य करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। श्रम कानूनों के अनुसार मजदूरों को दिन भर में 1 घंटे का विश्राम और सप्ताह में 1 छुट्टी का अधिकार है, लेकिन अधिकांश फैक्ट्रियों में इन नियमों का पालन नहीं हो रहा। 12 घंटे कठिन परिश्रम कराने के बावजूद मजदूरों को केवल 400-450 प्रतिदिन मजदूरी दी जाती है। महिला मजदूरों की स्थिति और भी दयनीय है। उन्हें मात्र 200 रूपए प्रतिदिन दिए जाते हैं। इतनी महंगाई में इस राशि से मजदूर अपने घर-परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह न केवल श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन है, बल्कि गरीब मजदूरों के साथ अमानवीय व्यवहार भी है। ऐसे में उन्होंने मांग उठाई है कि फैक्ट्रियों में श्रम कानूनों का सख्ती से पालन कराया जाए। मजदूरों से 8 घंटे से अधिक काम न कराया जाए और उन्हें विश्राम व साप्ताहिक अवकाश का अधिकार दिलाया जाए। साथ ही नेता प्रतिपक्ष ने मजदूरी दरें बढ़ाकर उन्हें न्यूनतम वेतन अधिनियम के अनुसार न्यायपूर्ण और सम्मानजनक मजदूरी दिलाई जाए। कहा कि महिला मजदूरों को पुरुष मजदूरों के समान मजदूरी दिलाकर उनके साथ हो रहे भेदभाव को समाप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार द्वारा उपरोक्त निर्णयों को जमीन पर उतारा जाता है तो न केवल उत्तराखण्ड के मजदूर वर्ग को न्याय मिलेगा, बल्कि उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।