जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने दिया इस्तीफा! ट्रंप टैरिफ, बढ़ती महंगाई और पार्टी में अंदरूनी कलह बनी बड़ी वजह

नई दिल्ली। जापान से एक बड़ी खबर सामने आई है, यहां प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने आज रविवार को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने जुलाई में हुए संसदीय चुनाव में भारी हार की जिम्मेदारी लेने के लिए अपनी पार्टी की ओर से बढ़ती मांग के बाद पद छोड़ने की मंशा जाहिर की। कहा जा रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा से इस मामले में उन्होंने शनिवार को मुलाकात की थी। सुगा ने उन्हें इस्तीफे की सलाह दी थी। इशिबा ने नवंबर 2024 में जापान के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी और महज 10 महीने बाद उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा है। 68 साल के इशिबा ने अपनी पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ;से आपातकालीन नेतृत्व चुनाव कराने को कहा। उन्होंने कहा कि नया नेता चुने जाने तक वे अपना काम जारी रखेंगे। खबरों के मुताबिक अपने छोटे से कार्यकाल में उन्होंने बढ़ती महंगाई और जनता के बढ़ते गुस्से के कारण चुनाव में अपने गठबंधन को बहुमत खोते हुए देखा। हाल ही में जुलाई में हुए उच्च सदन के चुनाव में हार के बाद भी उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था, जबकि उनके इस्तीफे की मांग की जा रही थी। इससे पार्टी में अंदरूनी कलह भी सामने आई। इसके बजाय उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ पर अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर ध्यान केंद्रित किया था, जिसने जापान के महत्वपूर्ण ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को हिलाकर रख दिया और आर्थिक विकास को प्रभावित किया। शिगेरु इशिबा ने भावुक स्वर में कहा कि जापान और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते और राष्ट्रपति के आदेश पर हस्ताक्षर के साथ हमने बड़ी मुश्किल पार की है। अब मैं अगली पीढ़ी को जिम्मेदारी देना चाहता हूं। राजनीतिक अनिश्चितता की वजह से जापान की मुद्रा येन की कीमत गिर गई है और सरकारी बॉन्ड की बिक्री बढ़ गई। इशिबा के भाग्य को लेकर अटकलें तब तेज़ हो गईं, जब एलडीपी ने पार्टी के नेतृत्व का चुनाव कराने के लिए मतदान कराने का फ़ैसला किया। कोइज़ुमी और ताकाइची को शिगेरु इशिबा का संभावित उत्तराधिकारी माना जा रहा है। नए नेतृत्व के लिए हो रही दौड़ से जापान की अमेरिकी टैरिफ़ से प्रभावित अर्थव्यवस्था में और भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बाज़ार इस बात पर ध्यान दे रहे हैं कि क्या इशिबा की जगह साने ताकाइची जैसे नेता को चुना जाएगा, जो ढीली आर्थिक नीतियों के समर्थन में हैं और बैंक ऑफ जापान की ब्याज दर बढ़ाने की आलोचना करते हैं। दरअसल पिछले साल शिगेरु इशिबा ने एलडीपी नेतृत्व के चुनाव के दूसरे दौर में ताकाइची को बहुत कम मतों से हराया था। वहीं शिंजिरो कोइज़ुमी एक राजनीतिक परिवार से आते हैं और इशिबा के कृषि मंत्री रह चुके हैं, वह भी इशिबा की जगह ले सकते हैं। उन्हें बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी दी गई थी।