‘अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त’ दिवसः क्या हम छोड़ पा रहे हैं प्लास्टिक का मोह? कागजों तक सिमटे अभियान, जानें प्लास्टिक बैग फ्री डे का महत्व

आज ‘अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त’ दिवस है। यूं तो प्लास्टिक किस कदर हमारी सेहत और पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है, इसके बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 3 जुलाई को ‘अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस’ मनाया जाता है, लेकिन क्या वाकई में हम प्लास्टिक का मोह छोड़ पा रहे हैं? धरातल पर देखें तो ऐसा कुछ भी प्रतीत नहीं होता। एक रिपोर्ट की मानें तो प्लास्टिक हमारे वर्तमान को तो खराब कर ही रहा है, साथ ही आने वाले जनरेशन को भी प्रभावित कर सकता है। आज कपड़ों से लेकर ब्यूटी प्रोडक्ट्स और पैकेजिंग तक में प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है। बता दें कि इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री डे की शुरुआत साल 2009 में जीरो वेस्ट यूरोप द्वारा की गई थी। प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने के उद्देश्य से इसकी पहल की गई थी। ज्यादातर प्लास्टिक बैग सिंगल यूज प्लास्टिक से बने होते हैं, जो पर्यावरण के साथ-साथ मनुष्यों और जीवों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। प्लास्टिक के कारण होने वाले प्रदूषण में सबसे बड़ा रोल प्लास्टिक बैग्स का ही है।
सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी हुई चीजें हमारे जलाशयों को दूषित करने का काम करती हैं। खबरों के मुताबिक रोजाना भारी मात्रा में प्लास्टिक महासागरों, नदियों और झीलों में फेंके जाते हैं। जिससे ये पानी को ही दूषित नहीं करते, बल्कि उसमें रहने वाले जलीय जंतुओं के लिए भी बेहद खतरनाक है। प्लास्टिक की थैलियों को नष्ट होने में तकरीबन 500 साल तक का समय लग सकता है। ऐसे में आज हम सभी को एक संकल्प लेना चाहिए कि जिस उद्देश्य से इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री डे मनाने की शुरूआत हुई थी, उस उद्देश्य को पूरा करने में अपना सहयोग दें। प्लास्टिक बैग फ्री को विश्व स्तर पर मनाने के पीछे एकमात्र उद्देश्य लोगों को इसके खतरों से वाकिफ कर उन्हें इसके इस्तेमाल से रोकना है। बहुत छोटी-छोटी कोशिशों से आप प्लास्टिक को अपने लाइफस्टाइल से आउट कर खुद ही सुरक्षित रह सकते हैं और पर्यावरण को भी सुरक्षित रख सकते हैं। जिसकी शुरुआत प्लास्टिक की जगह कपड़ों या कागज की थैली से करें।