Awaaz24x7-government

बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों को राहत: 31 अगस्त तक खुला रहेगा ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल

Relief to farmers affected by rain and flood: E-compensation portal will remain open till August 31

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने हाल ही में भारी बारिश, बाढ़ और जलभराव से प्रभावित किसानों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा की है कि ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल 31 अगस्त, 2025 तक खुला रहेगा ताकि प्रभावित किसान अपनी फसल क्षति का दावा दर्ज करा सकें। इस फैसले से प्रदेश के 7 जिलों के 188 गांवों के हजारों किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, संबंधित उपायुक्तों की रिपोर्ट के आधार पर 7 जिलों के 188 गांवों को इस पोर्टल पर शामिल किया गया है। इनमें हिसार के 85 गांव, भिवानी के 43, रोहतक के 21, पलवल के 17, चरखी दादरी के 13, रेवाड़ी के 7 और सिरसा के 2 गांव प्रभावित पाए गए हैं। इन सभी गांवों के किसान अब आसानी से अपनी फसल खराबे की जानकारी पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे। प्रवक्ता ने बताया कि पोर्टल पर दर्ज किए गए दावों का सत्यापन विशेष गिरदावरी के रूप में किया जाएगा। इस प्रक्रिया में जिला राजस्व अधिकारी और अन्य राजस्व कर्मचारी जैसे पटवारी, कानूनगो, सर्कल राजस्व अधिकारी, जिला राजस्व अधिकारी, उप मंडल अधिकारी (नागरिक), उपायुक्त और मंडल आयुक्त शामिल होंगे। यह अधिकारी किसानों द्वारा दर्ज क्षति का मौके पर निरीक्षण करेंगे और निर्धारित मानकों के अनुसार नुकसान का आकलन करेंगे। इसके बाद योग्य किसानों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा।

सरकारी प्रवक्ता ने किसानों से अपील की है कि वे बिना देर किए अपनी फसल क्षति का विवरण पोर्टल पर दर्ज कराएं। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र किसान मुआवजे से वंचित न रहे। पोर्टल को आसान और उपयोगकर्ता-हितैषी बनाया गया है, ताकि ग्रामीण क्षेत्र का किसान भी इसे सहजता से इस्तेमाल कर सके। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि किसानों की कठिनाइयों को समझना और उन्हें राहत पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है और किसी भी आपदा की स्थिति में उनके हितों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसानों की शिकायतों और दावों का निस्तारण तेजी और पारदर्शिता से किया जाए। राज्य सरकार की इस घोषणा से प्रभावित किसानों में उत्साह और उम्मीद है। बाढ़ और जलभराव से न केवल धान, बाजरा और कपास जैसी मुख्य फसलें प्रभावित हुई हैं, बल्कि कई किसानों की बुआई भी खराब हो गई थी। ऐसे में ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से मिलने वाली यह सुविधा उनके लिए बड़ी राहत साबित होगी। हरियाणा सरकार का यह निर्णय साबित करता है कि प्राकृतिक आपदा की घड़ी में सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है। अब किसानों की जिम्मेदारी है कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर पोर्टल पर पंजीकरण कराकर इस योजना का लाभ उठाएं। यदि प्रक्रिया समय पर पूरी की जाती है, तो प्रभावित किसानों को शीघ्र ही मुआवजा प्रदान किया जाएगा और उनकी आर्थिक परेशानियों को कम किया जा सकेगा।