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नैनीताल जिला पंचायत चुनाव ब्रेकिंगः हाइकोर्ट के आदेश पर करीब तीन घंटे तक जिला कलेक्ट्रेट में दोनों पक्षों ने देखी मतगणना की वीडियोग्राफी और सीसीटीवी फुटेज! पाक साफ था चुनाव या थी कुछ गड़बड़? लिंक में पढ़ें पूरा मामला

Nainital District Panchayat Election Breaking: On the orders of the High Court, both the parties watched the counting videography and CCTV footage in the District Collectorate for about three hours!

उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर नैनीताल जिला पंचायत चुनाव मामले में काउंटिंग के दौरान की गई वीडियोग्राफी आज जिलाधिकारी कार्यालय में नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष, अधिवक्ता अवतार सिंह रावत, त्रिभुवन फर्त्याल, अधिवक्ता डीएस पाटनी, तीन सरकारी वकीलों को कड़ी सुरक्षा के बीच दिखाई गई। 
वीडियोग्राफी देखने के बाद जहां नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल संतुष्ट नजर आई, वहीं अधिवक्ता अवतार सिंह रावत ने काउंटिंग वीडियोग्राफी, सीसीटीवी फुटेज, बैलेट पेपर की वीडियो इत्यादि देखने के बाद कहा कि ये सब पाक साफ है ये भी नहीं कहा जा सकता। हम अपना पक्ष कोर्ट में रखेंगे। इस दौरान जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर कड़े इंतेज़ाम किए गए थे।

मामले के मुताबिक याची की ओर से कैमरा ऑफ करने, मतपत्र में 1 को 2 बना देने, प्रत्याशी को मतगणना स्थल पहुंचने की जानकारी देर से देने के आरोप लगाए गए थे। याची ने यहां तक कहा कि उसके हल्द्वानी स्थित आवास के बाहर रात्रि 2.23 बजे नोटिस लगाकर इससे भी पहले के समय 1.30 बजे उपस्थित होने को कहा गया था।। बतौर रिटर्निंग ऑफिसर जिलाधिकारी वंदना सिंह ने ऑनलाइन उपस्थित होकर बताया कि सभी प्रत्याशियों और उनके एजेंट्स को काउंटिंग से बहुत पहले फोन और व्हाट्सप्प से सूचना दे दी गई थी जो उन्होंने देख भी ली थी। डीएम ने बताया कि वोट इनवैलिड होने की वजह यह थी कि मतदाता की ओर से प्रत्याशियों को पहली प्राथमिकता का वोट(1) देना आवश्यक होता है। केवल दूसरी प्राथमिकता नहीं दी जा सकती जबकि संबंधित प्रकरण में पहली प्राथमिकता के बजाए केवल दूसरी प्राथमिकता का वोट दिया गया था जबकि एक मतपत्र ब्लैंक था। उन्होंने कहा कि सभी प्रत्याशियों को दो बार बैलेट के निरीक्षण का अवसर दिया गया लेकिन दूसरी प्रत्याशी निरीक्षण को नहीं पंहुची, जबकि तब उनके पास आपत्ति करने का भी मौका होता और रीकाउंटिंग भी हो सकती थी लेकिन तब कोई आपत्ति नहीं की गई। उन्होंने कहा की सारी प्रक्रिया सीसीटीवी के अलावा वीडियोग्राफी से भी स्वतंत्र पर्यवेक्षक की मौजूदगी में रिकॉर्ड की गई है। आवश्यकता होने पर कोर्ट में भी रिकॉर्ड दिया जा सकता है।