शादी का कार्ड बना चर्चा का विषय! बहूभोज (वलीमा) के निमंत्रण कार्ड में मुस्लिम परिवार ने लिखा हिंदू पूर्वजों का नाम! कौन सी पीढ़ी के वंशज है ये भी लिखा
केराकत (जौनपुर) जिले के केराकत क्षेत्र अंतर्गत डेहरी गांव में आयोजित होने वाले बहूभोज (दावते वलीमा) का निमंत्रण कार्ड इन दिनों खास चर्चा में है। वजह है कार्ड पर छपा वह विवरण, जिसमें मुस्लिम परिवार से संबंध रखने वाले नौशाद अहमद दूबे ने अपने हिंदू पूर्वजों का उल्लेख करते हुए आठवीं पीढ़ी का वंश परिचय दिया है।
निमंत्रण कार्ड में उल्लेख है कि वर्ष 1669 ईस्वी में जमींदार रहे श्री लालबहादुर दूबे की आठवीं पीढ़ी के वंशज खालिद दूबे के विवाह एवं बहूभोज के शुभ अवसर पर सभी आमंत्रित हैं। कार्ड में पूर्वजों का नाम और वंशावली दर्ज होने के कारण यह इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।
नौशाद अहमद दूबे ने बताया कि करीब तीन वर्ष पूर्व विशाल भारत संस्थान से जुड़ने के बाद उन्होंने अपने नाम के आगे ‘दूबे’ सरनेम लगाना शुरू किया। पिछले वर्ष विवाह के निमंत्रण कार्ड में भी उन्होंने यही सरनेम इस्तेमाल किया था, जिसे लेकर तब भी लोगों में चर्चा हुई थी।
उन्होंने बताया कि पूर्वजों के इतिहास पर शोध के दौरान जानकारी मिली कि उनके पुरखे लालबहादुर दूबे आजमगढ़ जिले के रानी की सराय क्षेत्र के निवासी थे। बाद में उन्होंने इस क्षेत्र में आकर धर्म परिवर्तन किया और लाल मोहम्मद नाम से जमींदारी संभाली। अपनी ऐतिहासिक जड़ों को सम्मान देने के उद्देश्य से उन्होंने गांव की एक सड़क का नाम ‘लालबहादुर दूबे मार्ग’ भी रखा है, जिसका बोर्ड गांव में लगाया गया है।
नौशाद अहमद दूबे के अनुसार, बहूभोज का निमंत्रण विशाल भारत संस्थान के माध्यम से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित कई प्रमुख हस्तियों को भेजा गया है। उन्हें उम्मीद है कि आमंत्रित अतिथि कार्यक्रम में पहुंचकर वर-वधू को आशीर्वाद देंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है। उनके अनुसार, क्षेत्र में लगभग तीन दर्जन ऐसे लोग हैं जो अपने नाम के साथ अपने पूर्वजों का सरनेम जोड़ते हैं। उनका मानना है कि इससे न केवल ऐतिहासिक पहचान को सम्मान मिलता है, बल्कि गांव में सौहार्द, साझा संस्कृति और सामाजिक एकता की भावना भी मजबूत होती है।