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किसानों के देश मे सेब की फसल को नदी नालों में बहाने को मजबूर हुए किसान!वीडियो हुई वायरल

In the country of farmers, the farmers were forced to shed the apple crop in the river drains! Video went viral

हम सबने बचपन मे स्कूली किताबों में पढ़ा है कि भारत कृषि प्रधान देश है ये देश किसानों का है। किसानों के देश मे किसानों की क्या हालत है इसका खुलासा करने वाली एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि वीडियो हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित रोहरू का है और वीडियो में दिखाई दे रहे लोग किसान है। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि सेब बागवान अपनी खून-पसीने की फसल को नदी में बहा रहे है। सेब के बागवानों का कहना है कि पिछले 20 दिनों से सड़के बंद हैं. इस वजह से बागवान अपनी फसल मंडी तक नहीं ले पा रहे. नतीजा ये हुआ कि वो अब अपनी फसल पानी में फेंक रहे है बागवानों का ये भी कहना है कि प्रशासन की तरफ़ से उन्हें कोई मदद नहीं मिली है. ये भी दावा किया गया कि हालात ऐसे ही रहे तो आगे और भी किसान ऐसा कदम उठाने पर मजबूर होंगे।


भाजपा नेता अमित मालविय ने इस वायरल वीडियो को ट्विटर पर शेयर किया है और कांग्रेस पर निशाना साधा है। मालविय ने ट्विटर पर लिखा है कि किसान अपनी फसल पानी में बहाने पर इसलिए मजबूर हुए क्योंकि हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने वक्त पर किसानों की फसल मार्केट तक पहुंचाने में मदद नहीं की.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले में किसान संयुक्त मोर्चा के संयोजक हरीश चौहान ने कहा कि प्रदेश की बागवानी संकट के दौर से गुज़र रही है. चौहान ने कहा कि राज्य में हो रही लगातार बारिश, बादल फटने की घटनाओं, बाढ़ का दुष्प्रभाव सेब की फसल पर पड़ा है. सेब की फसल मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही है. उनका दावा है कि बरसात का असर 10 प्रतिशत बगीचों पर पड़ा है. कई बागों में फल खराब हो रहे है।

उधर नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार वायरल वीडियो को लेकर आज़ादपुर मंडी के एक कारोबारी का दावा है कि जो सेब नाले में बहाए जा रहे हैं वो सी ग्रेड सेब हैं। हिमाचल प्रदेश के बागवान ऐसे सेब को बोरी में भरकर दिल्ली भेजते हैं, इसकी कीमत भी काफ़ी कम मिलती है. अभी फलों का परिवहन महंगा है और इसी वजह से सेब फेंकना ही सही है। 
वहीं सोशल मीडिया में वायरल इस वीडियो को देखकर लोग भड़क रहे है, सेबों को इस तरह नदी नालों में बहाने को लेकर कई यूजर्स चिंता जताने लगे। कुछ ने लिखा कि अगर सेब सी ग्रेड भी थे तो भी फेंकने की क्या ज़रूरत थी किसी के काम ही आ जाते