ऐतिहासिकः कुछ घंटों बाद धरती पर कदम रखेंगे भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला! धमाके के साथ होगी एंट्री, स्पेसएक्स ने बताई वजह

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला कुछ ही घंटों में धरती पर कदम रखने वाले हैं। उनके स्वागत में उनका घर दुल्हन की तरह सजाया गया है। बता दें कि शुभांशु शुक्ला, राकेश शर्मा (1984) के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। स्पेसएक्स ड्रैगन यान, जिसमें शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री एक्सिओम-4 मिशन के तहत सवार थे, ने सोमवार को सुबह लगभग 7ः05 बजे ईडीटी (भारतीय समयानुसार शाम 4ः35 बजे) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के हार्मनी मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलगाव (अनडॉकिंग) किया। उनकी वापसी मंगलवार को सुबह 5ः30 बजे ईडीटी (भारतीय समयानुसार दोपहर 3 बजे) अमेरिका के कैलिफोर्निया तट के पास सागर में स्प्लैशडाउन (पानी में उतरने) के साथ पूरी होने की उम्मीद है। शुक्ला के लिए यह एक ऐतिहासिक यात्रा रही है, जो आईएसएस की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बने और 1984 में तत्कालीन सोवियत संघ के सैल्यूट-7 अंतरिक्ष स्टेशन के मिशन के तहत शर्मा की महत्वपूर्ण अंतरिक्ष उड़ान के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय व्यक्ति बने। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्ला की आईएसएस यात्रा के लिए लगभग 550 करोड़ रुपये का भुगतान किया। यह एक ऐसा अनुभव होगा जो अंतरिक्ष एजेंसी को अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, गगनयान की योजना और निष्पादन में मदद करेगा जिसे 2027 में संचालित किए जाने की योजना है।
सॉनिक बूम के साथ आएगा ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट
शुभांशु शुक्ला का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट तेजी से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। अभी SpaceX के इस स्पेसक्राफ्ट की स्पीड 28 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की है। हालांकि धरती के बेहद करीब आने के बाद स्पीड कम हो जाएगी। स्पेसएक्स ने एक X पोस्ट में बताया कि ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट एक तेज सॉनिक बूम के साथ आ सकता है। यह वायुमंडल में बहुत तेज स्पीड से एंट्री करेगा और इसी वजह से स्पेसक्राफ्ट धमाके के साथ प्रवेश कर सकता है।
अंतरिक्ष कैप्सूल को एक विशेष जहाज द्वारा लाया जाएगा वापस
अंतिम तैयारियों में कैप्सूल के ट्रंक को अलग करना और वायुमंडल में प्रवेश से पहले हीट शील्ड को स्थापित करना शामिल है, जिससे अंतरिक्ष यान को लगभग 1,600 डिग्री सेल्सियस के तापमान के संपर्क में लाया जा सकेगा। पैराशूट दो चरण में तैनात किए जाएंगे – पहले लगभग 5.7 किमी की ऊंचाई पर स्थिरीकरण पैराशूट, उसके बाद लगभग दो किमी की ऊंचाई पर मुख्य पैराशूट। अनडॉकिंग के लगभग 22.5 घंटे बाद कैलिफोर्निया के तट पर यान के पहुंचने की उम्मीद है, और अंतरिक्ष कैप्सूल को एक विशेष जहाज द्वारा वापस लाया जाएगा।