बड़ी खबरः विधानसभा का चार दिवसीय मानसून सत्र डेढ़ दिन में हुआ खत्म! हंगामे के बीच सदन में नौ विधेयक पास

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का चार दिवसीय मानसून सत्र बुधवार को हंगामे के बीच अचानक डेढ़ दिन में ही खत्म कर दिया गया। विपक्षी विधायकों के जोरदार विरोध और बार-बार कार्यवाही स्थगित होने के बावजूद सरकार ने सभी नौ विधेयक पारित करा लिए। इसी के साथ सदन ने 5315 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट भी मंजूर कर दिया। सत्र के दौरान कई अहम विधेयकों को पारित किया गया। इनमें उत्तराखंड अल्पसंख्यक विधेयक 2025 प्रमुख रहा, जिसके लागू होने के बाद राज्य में सभी अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को मान्यता देने के लिए एक प्राधिकरण गठित होगा। इससे मदरसों को भी मान्यता का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। वहीं, समान नागरिक संहिता संशोधन विधेयक में लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़े प्रावधानों को और कड़ा किया गया है। धोखे से लिव-इन संबंध बनाने वालों के लिए सजा बढ़ाकर सात साल तक कर दी गई है।
इसके अलावा, सदन ने संशोधित धर्मांतरण कानून भी पारित किया। अब राज्य में जबरन धर्मांतरण कराने पर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान होगा। इन विधेयकों को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी का आरोप लगाया और विरोध प्रदर्शन किया। हंगामे के दौरान कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने सदन में कागज फाड़कर उछाले, जिससे माहौल और अधिक गरमा गया। निर्दलीय विधायक संजय डोभाल भी विपक्ष के साथ धरने पर बैठ गए। विपक्ष का कहना है कि सरकार जल्दबाजी में कानून पारित कर रही है, जबकि इतने महत्वपूर्ण विधेयकों पर गहन चर्चा जरूरी थी। वहीं, सरकार का तर्क है कि ये विधेयक जनता के हित में हैं और राज्य की सामाजिक व्यवस्था को सुदृढ़ करेंगे। अब सबकी नजर इस बात पर है कि इन नए कानूनों के लागू होने के बाद राज्य की व्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा।