सेना को मिला हिमकवचः अब माइनस 60 डिग्री में बिना परेशानी के देश की सुरक्षा कर सकेंगे जवान! डीआरडीओ ने तैयार की नई यूनिफॉर्म, जानें क्या है खास

नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सियाचिन और लद्दाख बॉर्डर पर भीषण ठंड में तैनात सैनिकों के लिए ‘हिमकवच’ नाम से नई यूनिफार्म लॉन्च की है। खबरों के मुताबिक यूनिफॉर्म ने सभी टेस्टिंग पास कर ली हैं। हिमकवच 20° सेल्सियश से लेकर .60° सेल्सियश तक के तापमान पर काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। खबरों के मुताबिक हिमकवच एक क्लोदिंग सिस्टम है जिसे कई लेयर की ड्रेसेज मिलाकर तैयार किया गया है। सभी लेयर्स को गर्मी पैदा करने के लिए इन्सुलेशन सिस्टम के मुताबिक बनाया गया है। इन लेयर्स में सांस लेने की केपेसिटी और आराम का ध्यान भी रखा गया है। हिमकवच सिस्टम को मॉड्यूलर डिजाइन किया गया है। जिसके चलते जवान इसमें मौसम के मुताबिक लेयर हटा और जोड़ सकते हैं। अभी माइनस डिग्री में बॉर्डर पर तैनात सैनिक तीन लेयर वाली एक्सट्रीम कोल्ड वेदर क्लोथिंग सिस्टम (ECWCS) से बनी यूनिफॉर्म पहनते हैं। इसे DRDO के डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एंड एलाइड साइंसेज (DIFAS) ने डेवलप किया था। ECWCS यूनिफॉर्म से सैनिकों को इन्सुलेशन और वॉटरप्रूफिंग मिलती है, लेकिन सियाचिन जैसी भीषण ठंड पड़ने वाली जगहों पर ये पूरी तरह कारगर नहीं है। वहीं, हिमकवच ECWCS से काफी अपडेटेड है जिससे अब सैनिकों को ज्यादा ठंडे मौसम में बॉर्डर की देखरेख करने में आसानी होगी। बता दें कि सियाचिन ग्लेशियर देश ही नहीं, दुनिया के सबसे खतरनाक युद्ध क्षेत्रों में से एक है। यहां की खून जमा देने वाली ठंड में भी भारतीय सैनिकों की तैनाती रहती है। सियाचिन सहित हिमालय पर भारतीय सेना की जितनी भी पोस्ट हैं, वहां की परिस्थितियां आम इंसानों के लिए जानलेवा होती हैं। ऐसे में सैनिकों को इन जगहों पर भेजने से पहले विशेष ट्रेनिंग दी जाती है।