अहमदाबाद विमान हादसाः शुरुआती जांच रिपोर्ट चौंकाने वाले खुलासे! टेकऑफ के तुरंत बाद बंद हो गए थे दोनों इंजन, क्रैश होने में लगा 30 सेकेंड का वक्त

नई दिल्ली। अहमदाबाद विमान हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। रिपोर्ट कहती है कि विमान के दोनों इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच RUN से CUTOFF में बदल गए, जिसके बाद ये हादसा हो गया। (AAIB) ने यह रिपोर्ट तैयार की है। इस जांच रिपोर्ट ने कई बातें साफ कर दी हैं। जांच रिपोर्ट बताती है कि विमान हादसे के पीछे आखिर क्या वजह थी। यह हादसा अहमदाबाद के मेघानी नगर इलाके में हुआ था और इसमें प्लेन में सवार सिर्फ एक शख्स के अलावा अन्य सभी 241 लोगों की मौत हो गई थी। विमान हादसे में कुल 260 लोगों की मौत हुई थी। एयर इंडिया का Boeing 787-8 विमान अहमदाबाद से लंदन जा रहा था।
AAIB की जांच रिपोर्ट कहती है कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट को दूसरे से यह पूछते हुए सुना जा सकता है कि उसने फ्यूल क्यों बंद कर दिया जबकि दूसरा पायलट इसके जवाब में कहता है कि उसने ऐसा नहीं किया। इस विमान में पायलट इन कमांड सुमित सभरवाल थे जबकि को पायलट कुंदर थे। सभरवाल के पास बोइंग 787 को लगभग 8,600 घंटे की उड़ान का अनुभव था, जबकि कुंदर के पास 1,100 घंटे से ज़्यादा का। यह एक्सपीरियंस काफी था। AAIB की रिपोर्ट में कहा गया है कि उड़ान से पहले दोनों पायलटों ने जरूरी आराम भी किया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, विमान के दोनों इंजन के फ्यूल कंट्रोल स्विच के RUN से CUTOFF में बदलने के बाद दोनों इंजन हवा में ही बंद हो गए। एक साथ हुए इस शटडाउन से इंजन में फ्यूल जाना बंद हो गया और दोनों इंजनों का थ्रस्ट हवा में ही कम हो गया। दोनों पायलट की बातचीत से पता चलता है कि कॉकपिट में कोई तकनीकी खराबी थी या कोई मिसकम्युनिकेशन हुआ। 15 पन्नों की रिपोर्ट के अनुसार, विमान के उड़ान भरने और क्रैश होने के बीच लगभग 30 सेकेंड का समय लगा। एयरलाइन पायलट और एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फ्यूल कंट्रोल स्विच बेहद अहम होते हैं और यह विमान के इंजन में फ्यूल के फ्लो को जाने या रोकने का काम करते है और इस विमान में इन्हें किसी ने जरूर हिलाया होगा। स्विच की सुरक्षा के लिए दोनों तरफ ब्रैकेट लगे होते हैं और एक टॉप लॉक मेकैनिज्म भी होता है। हालांकि यह अभी शुरुआती जांच रिपोर्ट है और यह पता नहीं चला है कि इन स्विच को किसी पायलट ने टॉगल किया था या नहीं।
इन स्विच को आमतौर पर तभी हिलाया जाता है जब विमान जमीन पर हो। इनका इस्तेमाल इंजन चालू करने और लैंडिंग के बाद इसे बंद करने के लिए किया जाता है। उड़ान के दौरान इनमें से किसी भी स्विच को हिलाने की जरूरत तब पड़ती है जब इंजन फेल हो जाए या उसे इतना नुकसान हो जाए कि फ्लाइट की सुरक्षा के लिए फ्यूल की आपूर्ति बंद करनी पड़े। इस तरह की जांच रिपोर्ट के पूरा तैयार होने में काफी वक्त लगता है। माना जा रहा है कि इस दुर्घटना के 1 साल के अंदर इस मामले में अंतिम जांच रिपोर्ट आ सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, कॉकपिट के थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल जिसमें फ्यूल कंट्रोल स्विच आदि होते हैं को 2019 और 2023 में बदला गया था। रिपोर्ट कहती है कि विमान में 2023 के बाद से फ्यूल कंट्रोल स्विच से संबंधित किसी भी खराबी की कोई सूचना नहीं है।