उत्तराखण्ड: गंगा किनारे बने रिसॉर्ट और अन्य निर्माणों का मामला! हाइकोर्ट का आदेश, विस्तृत रिपोर्ट पेश करें डीएम उत्तरकाशी

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गोमुख से उत्तरकाशी तक गंगा नदी के किनारे बने रिसॉर्ट्स और अन्य निर्माणों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट की खंडपीठ ने जिलाधिकारी (डीएम) उत्तरकाशी को चार सप्ताह के भीतर नदी किनारे बने सभी होटल, रिसॉर्ट्स और अन्य निर्माणों की जांच कर वीडियो और फोटो के साथ विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने चार सप्ताह बाद की तारीख तय की है।
मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान डीएम उत्तरकाशी और सिंचाई विभाग के अधिकारी कोर्ट में पेश हुए। अधिकारियों ने जांच के लिए अतिरिक्त समय की मांग की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए चार सप्ताह का समय प्रदान किया। यह जनहित याचिका हिमालयन नागरिक दृष्टि मंच द्वारा दायर की गई थी, जिसमें कहा गया है कि गंगोत्री से उत्तरकाशी तक नदी किनारे बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किए गए हैं। याचिका में दावा किया गया कि इन निर्माणों के कारण नदियों में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है, जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो रहा है। याचिका में नदी किनारे सभी निर्माणों पर तत्काल रोक लगाने और नदियों को निर्बाध रूप से बहने देने की मांग की गई है। कोर्ट के इस आदेश से नदी तटों पर अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। स्थानीय लोग और पर्यावरण कार्यकर्ता इस मामले पर कोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार कर रहे हैं।