उत्तराखण्डः रुद्रपुर में मजार धवस्तीकरण का मामला! हाईकोर्ट ने ओरिजिनल वक्फ रजिस्टर दिखाने को कहा, कल फिर होगी सुनवाई

Uttarakhand: Case of demolition of Mazar in Rudrapur! High Court asked to show the original Waqf register, hearing will be held again tomorrow

नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने रुद्रपुर में मजार ध्वस्तीकरण मामले में ओरिजिनल वक्फ रजिस्टर दिखाने को कहा है। न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने पूछा है की क्या उनके पास कोई दस्तावेज़ हैं, जो ये साबित करें की ये आजादी से पहले की मजार है? न्यायालय ने वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता मो. शाफी को वक्फ का ओरिजिनल वक्फ रजिस्टर कल शाम 3 बजे तक प्रस्तुत करने को कहा है। न्यायालय ने ये भी कहा कि इसका कोई सर्वे हुआ है तो उसकी रिपोर्ट लाएं? मामले में कल गुरुवार शाम 3 बजे सुनवाई होगी।

उच्च न्यायालय में रुद्रपुर की मजार ध्वस्तीकरण को लेकर मंगलवार को सुनवाई हुई थी, जिसमें न्यायालय ने याचिकाकर्ता वक्फ अल्लाह ताला के अधिवक्ता के मजार की मिट्टी ले जाने के लिए दो लोगों के नाम और एक जगह जहां उस मिट्टी को दफन किया जाए का पूरा विवरण देने को कहा था। आज याचिकाकर्ता के अधिवक्ता टीए खान ने दस्तावेज दाखिल किए जिसे न्यायालय ने वेरीफाई करने को कहा है। सुनवाई के दौरान उन्होंने न्यायालय से कहा कि मजार आजादी से पहले की है और ये विलेज आबादी एक्ट में दर्ज है। ये मजार दस्तावेजों में आबादी और मजार के नाम से पंजीकृत है। सरकारी अधिवक्ता की तरफ से बताया गया कि ये मजार 1989 तक आबादी में पंजीकृत थी और 1990 में पहली बार नोटिफाई हुई। इनका मुआवजा एडजेस्ट किया गया था। सुनवाई के दौरान एसडीएम किच्छा व लैंड एक्विजिशन अधिकारी यूएस नगर कौस्तुभ मिश्रा ने स्वयं उपस्थित होकर जमीन की विस्तृत जानकारी न्यायालय को दी। न्यायालय ने याची के अधिवक्ता से सवाल किया कि क्या सरकारी जमीन में बनी दरगाह वक्फ प्रॉपर्टी हो सकती है? 

बता दें कि रुद्रपुर में इंदिरा चौक के समीप बनी सैय्यद मासूम शाह मिया और सज्जाद मिया की मजार को प्रशासन ने सोमवार तड़के सवेरे बुलडोजर की मदद से हटा दिया गया था। यह कदम प्रस्तावित आठ लेन हाईवे परियोजना को अमली जामा पहनाने के लिए बताया जा रहा है। एनएचएआई ने पहले ही संबंधित पक्ष को नोटिस जारी कर जानकारी दी थी। मजार को हटाने के लिए बुलडोजर लगाए गए और चंद घंटों में ही वहां समतल मैदान कर दिया गया था।