बजट खर्च में सुस्ती पर भड़के सचिव, कई अफसरों को लगाई जमकर फटकार
अल्मोड़ा। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में लोक निर्माण विभाग के सचिव और जिले के प्रभारी सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने विकास कार्यों की धीमी प्रगति और बजट खर्च में सुस्ती पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने अधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि विकास कार्यों में लापरवाही किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डॉ. पांडेय दो दिवसीय दौरे पर अल्मोड़ा पहुंचे थे, जहां उन्होंने विकास भवन सभागार में विभिन्न विभागों की योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। समीक्षा बैठक के दौरान यह पाया गया कि कई विभागों को बजट उपलब्ध होने के बावजूद उन्होंने अब तक धनराशि का समुचित उपयोग नहीं किया है। विशेष रूप से लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), उरेडा, सिंचाई, स्वास्थ्य और उद्योग विभाग के बजट उपयोग में भारी कमी पाई गई। वित्तीय वर्ष के सात महीने बीत जाने के बाद भी इन विभागों द्वारा अनुमोदित और अवमुक्त धनराशि का सही तरीके से खर्च नहीं किया गया। इस पर सचिव ने अधिकारियों की खिंचाई करते हुए कहा कि विभागीय सुस्ती राज्य की विकास प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सचिव डॉ. पांडेय ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी विभाग निर्धारित समय सीमा में बजट खर्च सुनिश्चित करें और विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि “बजट मिलने के बावजूद यदि योजनाएं कागजों में अटकी रहेंगी, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई तय है। अल्मोड़ा-दन्या-पनार नेशनल हाईवे (एनएच-309बी) पर सड़क सुधार कार्य में करीब एक वर्ष की देरी को उन्होंने “गंभीर लापरवाही” बताया। सचिव ने इस परियोजना में देरी के लिए एनएच रानीखेत खंड के अधिशासी अभियंता को जवाबदेह ठहराया और संबंधित ठेकेदार के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़कों की गुणवत्ता और समय पर निर्माण जनता की प्राथमिक आवश्यकता है, इसलिए कार्यों में ढिलाई करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सचिव ने अपने दौरे के दौरान राज्य, केंद्र सेक्टर और जिला योजना के तहत संचालित योजनाओं की भी बारीकी से समीक्षा की। उन्होंने पाया कि कई परियोजनाएं केवल कागजों में प्रगति दर्शा रही हैं, जबकि जमीनी स्तर पर कार्य धीमी गति से चल रहे हैं। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि तकनीकी या प्रशासनिक बाधाओं को तुरंत दूर किया जाए, ताकि विकास परियोजनाएं समय पर पूरी की जा सकें। जल जीवन मिशन की समीक्षा में भी सचिव ने कई खामियों पर चिंता जताई। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर घर तक पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि “जनता की मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी योजनाओं में कोताही अस्वीकार्य है। सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि अधूरे कार्यों की प्रगति की नियमित निगरानी की जाए और हर पंद्रह दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि “सरकार की प्राथमिकता जनता तक विकास योजनाओं के लाभ समय पर पहुंचाना है, न कि बजट को अप्रयुक्त छोड़ना। डॉ. पांडेय ने कहा कि आने वाले समय में विभागों के कार्यों का मूल्यांकन सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय तक भेजा जाएगा। यदि किसी विभाग की प्रगति असंतोषजनक पाई गई, तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। अपने दो दिवसीय दौरे के अंत में सचिव ने कहा कि अल्मोड़ा सहित कुमाऊं मंडल के विकास कार्यों की रफ्तार तेज करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने भरोसा जताया कि यदि अधिकारी जिम्मेदारी और समयबद्धता से काम करें, तो आने वाले महीनों में जिले की विकास गति में स्पष्ट सुधार देखने को मिलेगा।