नया रिकॉर्ड:विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा "विश्वास स्वरूपं"का हुआ लोकार्पण!6 नवंबर तक चलेगा लोकार्पण महोत्सव,20 किमी दूर से ही नजर आएंगे ध्यानमुद्रा में महादेव!विश्व मे और कहाँ कहाँ है शिव की विशालकाय प्रतिमाएं जानिए

New record: World's tallest Shiva statue "Vishwas Swaroopam" inaugurated!The inauguration festival will run till November 6, Mahadev will be seen from 20 km away!

भारत के राजस्थान राज्य के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का लोकार्पण होने के बाद अब राजस्थान की एक अलग पहचान होगी। राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा में बनी इस विशालकाय शिव प्रतिमा की ऊंचाई 369 फिट है। विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का नाम विश्वास स्वरूपम रखा गया है।इस विशालकाय प्रतिमा का लोकार्पण 29 अक्टूबर से 6 अक्टूबर तक एक महोत्सव के रूप में किया जा रहा है। विश्वास स्वरूपम शिव प्रतिमा के निर्माण कार्य मे पूरे दस साल लगे है,जिसे संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से तैयार किया गया है।
 
नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर बनी 369 फीट की ऊंची यह प्रतिमा 51 बीघा जमीन में स्थापित की गई है. ध्यान मुद्रा में विराजमान शिव की ये प्रतिमा 20 किलोमीटर दूर से ही नजर आने लग जाती है. रात के समय भी शिव प्रतिमा साफ दिखाई दे, इसके लिए खास लाइट्स से इसे सजाया गया है।

आपको बता दें कि विश्वास स्वरूपम शिव प्रतिमा से पहले विश्व में शिव की सबसे ऊंची मूर्ति अब तक नेपाल के चित्तपोल सांगा जिला भक्तापुर में स्थित मानी जाती थी। खड़ी मुद्रा में इस मूर्ति का निर्माण कार्य 2004 में शुरू हुआ था और 2010 में यह मूर्ति बनकर तैयार हुई और 21 जून 2011 को इस मूर्ति का अनावरण किया गया। इसकी ऊंचाई 45 मीटर, लगभग 143 फुट है।इस मूर्ति को धनराज जैन परिवार ने लगभग 11 करोड़ की लागत से बनवाया था।

आइये अब जानते है कि विश्व मे राजस्थान और नेपाल की शिव प्रतिमाओ के बाद और कौन कौन सी ऊंची प्रतिमाएं है।

विश्‍व की तीसरे नंबर की शिव मूर्ति अरब सागर के तट पर स्थित है। इस संपूर्ण क्षे‍त्र को मुरुदेश्वरा कहते हैं। बैठक मुद्रा में मुरुदेश्वर मंदिर के बाहर स्थापित शिव की इस मूर्ति की ऊंचाई 37 मीटर अर्थात लगभग 123 फुट है। 
 
मुरुदेश्वर दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में उत्तर कन्नड़ जिले के भटकल तहसील में अरब सागर के तट पर स्थित एक कस्बा है। कंदुका पहाड़ी पर तीन ओर से पानी से घिरा यह मुरुदेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यहां भगवान शिव का आत्मलिंग स्थापित है जिसका संबंध रामायण काल से है।


मंगल महादेव (मॉरीशस)
ऊंचाई 33 मीटर,लगभग 108 फुट ऊंची शिव की यह अनोखी प्रतिमा मॉरीशस के गंगा झील के पास खड़ी मुद्रा में स्थापित की गई है। लगभग इ‍तनी ही ऊंची मूर्ति भारत के उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद में गंगा के तट पर स्थित है। इलाहाबाद की यह मूर्ति बैठक मुद्रा में है। इसके अलावा इतनी ही ऊंचाई लिए एक और मूर्ति भारतीय राज्य सिक्किम के गंगटोक जिला मुख्‍यालय से 92 किलोमीटर की दूरी पर नामची क्षेत्र में स्थित है जिसे सिद्धेश्‍वर धाम और किरातेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।

हर की पौड़ी में हरिद्वार (उत्तराखंड, भारत) में स्थित शिव प्रतिमा जिसकी ऊंचाई 30.5 मीटर, लगभग 100 फुट है,यह मूर्ति हरिद्वार स्थित गंगा नदी के तट पर हर की पौड़ी के पास स्थापित की गई थी। यह मूर्ति खड़ी मुद्रा में है,जबकि हरिद्वार के पास ऋषिकेश की मूर्ति बैठक मुद्रा में थी बाढ़ के कारण ऋषिकेश की मूर्ति पानी में बह गई। हर की पौड़ी भारत के सबसे पवित्र घाटों में एक है। कहा जाता है कि यह घाट विक्रमादित्य ने अपने भाई भतृहरि की याद में बनवाया था। यहीं पर हर शाम हजारों दीपकों के साथ गंगा की आरती की जाती है।


शिवगिरि महादेव की विशालकाय मूर्ति लगभग 85 फुट ऊंची है, जो बीजापुर जिले के शिवपुर स्थान पर सन् 2006 में स्थापित की गई थी। शिव की यह बैठी हुई प्रतिमा 2011 में स्थापित की गई है।


12 ज्योतिर्लिंगों में से गुजरात में 2 ज्योतिर्लिंग हैं- एक सोमनाथ महादेव और दूसरे नागेश्‍वर महादेव। यह मंदिर पहले बहुत छोटा था लेकिन बाद में इस मंदिर को भव्य रूप दिया टी सीरिज के निर्माता गुलशन कुमार ने।
 
मंदिर प्रांगण के बाहर भगवान शिव की विशालकाय मूर्ति भूतल से 82 फुट ऊंची और चौड़ाई में 25 फुट चौड़ी है। इतनी ही ऊंचाई लिए एक मूर्ति मध्यप्रदेश के ओंकारेश्‍वर में भी स्थापित है। ओंकारेश्वर में 12 ज्योतिर्लिंगों में से 1 लिंग है, यहीं पर ममलेश्‍वर महादेव का मंदिर भी है।

मध्‍यप्रदेश के जबलपुर जिले के कचनार शहर में शिव मंदिर के पास स्थापित इस मूर्ति की ऊंचाई 76 फुट है। यहीं पर 12 ही ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृतियां बनाई गई हैं। जबलपुर भेड़ाघाट वॉटर फाल, 64 योगिनी मंदिर और कान्हा नेशनल पार्क के लिए प्रसिद्ध है।

कैम्प फोर्ट शिव मूर्ति, एयरपोर्ट रोड, बेंगलुरु (कर्नाटक)में 65 फुट ऊंची शिव मूर्ति की स्थापना 1995 में हुई थी। इस मूर्ति में भगवान शिव पद्मासन की अवस्था में विराजमान हैं। इस मूर्ति की पृष्ठभूमि में कैलाश पर्वत, भगवान शिव का निवास स्थल तथा प्रवाहित हो रही गंगा नदी है।

भारतीय राज्य ओडिशा के भंजनगर में स्थित चंद्रशेखर महादेव मंदिर के पास ‍स्थापित इस मूर्ति की ऊंचाई लगभग 61 फुट है। 6 मार्च 2013 को इस मूर्ति का अनावरण किया गया था।