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मंत्री डॉ.अरविंद शर्मा ने बाली में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के माध्यम से भारत-इंडोनेशिया संबंधों को दी नई दिशा 

Minister Dr. Arvind Sharma gave a new direction to India-Indonesia relations through the International Gita Festival in Bali

चंडीगढ़। हरियाणा के विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि 21वीं सदी में दुनिया भर के संघर्षों के समाधान में गीता की अहम भूमिका है। यदि विश्व के लोग गीता के संदेश को आत्मसात कर लें तो सभी विवाद समाप्त होकर संसार एक परिवार के रूप में एकजुटता और भाईचारे के सूत्र में बंध सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को मजबूत बनाने में भी गीता महत्वपूर्ण योगदान देगी। डॉ. शर्मा मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में इंडोनेशिया के बाली में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में शामिल हुए। यहां बाली की प्रांतीय विधायिका में उनका और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज का भव्य स्वागत किया गया तथा सदन में पवित्र गीता प्रतिस्थापित की गई।

 मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के अमर गीता संदेश को वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की पहल की थी। वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार इस परंपरा को स्वामी ज्ञानानंद महाराज के मार्गदर्शन में आगे बढ़ा रही है।उन्होंने कहा कि गीता निर्बल को बलवान, असहाय को सहारा, और हारे हुए को हिम्मत व शक्ति देने वाला अमर ग्रंथ है। विभिन्न देशों के प्रबुद्धजनों ने भी स्वीकार किया है कि 21वीं सदी की अनेक समस्याओं का समाधान श्रीमद्भगवद्गीता में निहित है। डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र को स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत महापर्यटक स्थल के रूप में विकसित कर रही है। कृष्णा सर्किट की पहचान करते हुए 175 करोड़ रुपये की लागत से महाभारत युद्ध से जुड़े 134 स्थलों को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। कुरुक्षेत्र में महाभारत अनुभव केंद्र का निर्माण 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है, जहां महाभारत से जुड़े पहलुओं को निकटता से महसूस करने का अवसर मिलेगा, ताकि दुनिया गीता ज्ञान को सरलता से समझ और आत्मसात कर सके। बाली के जनप्रतिनिधियों ने कुरुक्षेत्र में भूमि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा, जिस पर डॉ. शर्मा ने मुख्यमंत्री से चर्चा कर सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर विदेश मंत्रालय के अधिकारी, भारत के महावाणिज्य दूत, बाली समुदाय के गणमान्य व्यक्ति, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के प्रतिनिधि सहित कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।