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नैनीताल में बड़ा अग्निकांड: मोहन को चौराहे के पास दुकान की ऊपरी मंजिल से उठीं लपटें! आधे-अधूरे इंतजाम के साथ पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी, एक घंटे तक नहीं उतरा पानी, मल्लीताल में ब्लैकआउट

Major fire incident in Nainital: Flames rose from the shop near Mohan's crossroads! Fire brigade vehicle arrived with half-hearted arrangements, water did not come out for an hour, blackout in Mallit

नैनीताल में आज बुधवार देर रात एक बड़ा अग्निकांड हो गया। यहां मोहन को चौराहे पर स्थित ऐतिहासिक भवन ओल्ड लंदन हाउस में भीषण आग धधक गई, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई। इस भवन में इतिहासकार प्रो अजय रावत की बहन शांता बिष्ट रहती थीं,जिनकी इस हादसे में दर्दनाक मौत हो गई।

फाइल फोटो(फेसबुक)

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अग्निकांड के कुछ ही देर पहले यहां रहने वाली बुजुर्ग महिला वॉक करके घर को लौटी थी,उनके घर पहुंचने के थोड़ी ही देर में भवन से आग की लपटे निकलनी शुरू हो गई। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि आग लगते ही उन्होंने अग्निशमन के आपातकाल नंबर पर फोन किया और हादसे की सूचना दी गई। लेकिन फोन पर बार बार उनसे लोकेशन ही पूछती रही,जबकि मोहन को चौराहा शहर का प्रसिद्ध क्षेत्र है। और ये भवन लकड़ी का बना था जहां आग अधिक तेजी से फैली। अग्निकांड की इस घटना के बाद इलाके में अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है।

 

 इतने बड़े अग्निकांड में भी प्रशासनिक लापरवाही खुलकर सामने आई। इस दौरान जहां घटना के काफी देर तक जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। वहीं अग्निशमन दल के आधे-अधूरे इंतजामों ने हर किसी को चौंका दिया। बताया जाता है कि आग साढ़े नौ बजे के आसपास लगी। जिसके तुरंत बाद लोगों ने इसकी सूचना पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी, लेकिन फायर विभाग का वाहन काफी देर बाद मौके पर पहुंचा।

हैरान करने वाली बात ये भी है कि आग लगने के एक घंटे बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी से पानी की तेज बौछार हुई, दरअसल फायर विभाग की गाड़ी तो पहुंच गई, लेकिन उसमें तकनीकी दिक्कत होने के चलते पहले तो पानी नहीं छोड़ा जा सका,थोड़ा पानी छिड़का भी गया लेकिन फिर पानी ही खत्म हो गया,जिसके बाद आग भड़कती गई, और बगल तक पहुंच गई। इस दौरान मौके पर अफरा तफरी मच गई और लोग भयभीत हो गए। फिलहाल अग्निकांड के बाद अग्निशमन की लापरवाही खुलकर देखने को मिली है। वहीं अग्निकांड के बाद मल्लीताल की बिजली बंद कर दी गई है और क्षेत्र में ब्लैक आउट हो गया ।

 

बता दें कि इमारत की सबसे ऊपरी मंजिल पर शांता बिष्ट के अलावा चार अन्य लोगों—शैलेंद्र बिष्ट, सिद्धार्थ अग्रवाल, अभिनव गुप्ता और प्रमोद अग्रवाल के फ्लैट थे। शैलेंद्र बिष्ट के फ्लैट में गायत्री खाती का पार्लर और आनंद बिष्ट का साहसिक पर्यटन से संबंधित कार्यालय संचालित था। आग की भयंकर घटना में पूरी इमारत के साथ-साथ पार्लर और पर्यटन कार्यालय में रखा लाखों रुपये का सामान जलकर खाक हो गया। 

चूंकि इमारत काफी पुरानी थी, इसलिए आग बुझाने के लिए जब पानी का छिड़काव किया गया, तो सारा पानी नीचे की मंजिल पर स्थित दुकानों और प्रतिष्ठानों में भर गया। इससे अंचित कन्नौजिया की फर्नीचर की दुकान, मोहम्मद इमरान की कपड़ों की दुकान, और राजेंद्र करायत व नरेंद्र करायत के जनरल स्टोर और घर में पानी घुसने से भारी नुकसान हुआ। इसके अलावा, लक्ष्मी रेस्टोरेंट, इस्लाम बिरयानी और चौधरी हेल्थ बार में भी पानी भरने से काफी क्षति हुई।