बात पुरानी हैः बांग्लादेश हिंसा पर छलका लेखिका का दर्द! बोलीं- जिन्हें खुश करने के लिए हसीना ने मुझे देश से निकाला, आज वो खुद? जानें क्या है "लज्जा" किताब की कहानी...

It's an old story: Writer's pain spills over Bangladesh violence! She said- To please whom Hasina expelled me from the country, today she herself? Know what is the story of the book "Lajja"...

नई दिल्ली। बांग्लादेश में हालात बेहद खराब हैं और सड़कों पर दंगाइयों का हुड़दंग खुलेआम देखने को मिल रहा है। इस बीच सांप्रदायिकता की कट्टर आलोचक, निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ खुलकर बोला है। उन्होंने शेख हसीना के देश से भागने के फैसले को विडंबना बताया। नसरीन ने कहा कि हसीना ने कुछ लोगों को खुश करने के लिए उन्हें बांग्लादेश से बाहर निकाल दिया था और उन्हीं लोगों ने अब हसीना को खुद देश छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया है। छात्र आंदोलन में एक पोस्ट में आज हसीना को देश छोड़ने के लिए किसने मजबूर किया? 

तस्लीमा नसरीन ने पहले एक पोस्ट में शेख हसीना पर 'कुछ लोगों को बढ़ाने' और भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को पनपने देने का आरोप लगाया था। उन्होंने अपने देश में सैन्य शासन के खिलाफ भी बात की और लोकतंत्र की वकालत की। तस्लीमा ने कहा कि आज "हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। वह अपनी स्थिति के लिए खुद जिम्मेदार थीं। उन्होंने कुछ लोगों को बढ़ने दिया। उन्होंने अपने लोगों को भ्रष्टाचार में शामिल होने की इजाजत दी। अब बांग्लादेश को पाकिस्तान की तरह नहीं बनना चाहिए। सेना को ऐसा नहीं करना चाहिए। राजनीतिक दलों को लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता वापस लानी चाहिए।

बता दें कि नसरीन ने 1994 में बांग्लादेश छोड़ दिया था जब कट्टरपंथी संगठनों ने उन्हें उनकी किताब "लज्जा" पर जान से मारने की धमकी दी थी। 1993 की किताब को बांग्लादेश में प्रतिबंधित कर दिया गया था लेकिन यह अन्य जगहों पर बेस्टसेलर बन गई। उस समय हसीना की कट्टर प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया प्रधानमंत्री थीं।