इसरो की ऐतिहासिक उपलब्धि! गगनयान मिशन के और करीब पहुंचा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, स्पैडेक्स सैटेलाइट की अनडॉक प्रक्रिया सफल

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इसरो ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट मिशन के तहत दो उपग्रहों को सफलतापूर्वक अनडॉक कर दिया है। यह उपलब्धि भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है। अनडॉकिंग प्रक्रिया के दौरान एक सटीक क्रम का पालन किया गया, जिसमें SDX-01 और SDX-02 उपग्रहों का अलगाव सफलतापूर्वक पूरा हुआ। “अनडॉकिंग” का अर्थ है अंतरिक्ष में डॉक किए जाने के बाद दो उपग्रहों, SDX-01 और SDX-02 को अलग करना, जिससे वे स्वतंत्र रूप से काम कर सकें। इस प्रक्रिया में पहले SDX-2 का विस्तार किया गया, फिर कैप्चर लीवर-3 को योजनाबद्ध तरीके से रिलीज किया गया और अंततः SDX-2 में कैप्चर लीवर का विघटन किया गया। इन तकनीकी चरणों के बाद दोनों उपग्रहों में डिकैप्चर कमांड जारी किया गया, जिससे वे स्वतंत्र रूप से अलग हो गए। यह भारत के अंतरिक्ष अभियानों के लिए एक बड़ी तकनीकी सफलता मानी जा रही है। इसरो की इस उपलब्धि पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि यह हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। स्पैडेक्स मिशन (SPADEX Mission) की यह सफलता भारत के भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों जैसे भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन, चंद्रयान-4 (Chandrayaan-4) और गगनयान कार्यक्रम (Gaganyaan Program) के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलती है। 30 दिसंबर 2024 को लॉन्च किए गए इस मिशन का उद्देश्य भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए आवश्यक रेंडेज़वस, डॉकिंग और अनडॉकिंग तकनीकों का प्रदर्शन करना था। जनवरी की शुरुआत में इस मिशन के तहत उपग्रहों को डॉकिंग से पहले 15 मीटर की दूरी से घटाकर तीन मीटर तक लाया गया। इस सफलता के साथ, भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है और अब वह अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की कतार में शामिल हो गया है।