Must watch movie Mrs: महिलाओं के दैनिक जीवन की परत उधेड़ती ये फिल्म मचा रही है धमाल! महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुषों को भी भा रही हैं रियल्टी बेस्ड फिल्म

Must watch movie Mrs: This film which unravels the daily life of women is creating a sensation! Not only women but men are also liking this reality based film

वेलकम टू द फैमिली अब आप हमारी बेटी हो, ये शब्द अक्सर नई नवेली दुल्हन से स्वागत के समय ससुराल पक्ष की ओर से कहे जाते हैं,लेकिन वास्तविकता इन शब्दों के उलट होती है। एक लड़की के सपने सिलबट्टे में चटनी पिसते हुए चटनी ही बन जाते हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में शादी के बाद कैसे एक लड़की अपने ससुराल वालों को खुश करने के लिए चुपचाप सब करती है ,सान्या मल्होत्रा की लेटेस्ट रिलीज Mrs.फिल्म में बखूबी ये सब दिखाया गया है।इस फिल्म की अब हर तरफ चर्चा हो रही है। मूवी की कहानी से लेकर इसके डायरेक्शन तक की खूब तारीफ हो रही है। 

आरती कदव के डायरेक्शन में बनी फिल्म Mrs में वो सब दिखाने की कोशिश की गई है जिसे अक्सर मेनस्ट्रीम सिनेमा में दरकिनार कर दिया जाता है। ये कहानी उस हर महिला की कहानी है जो अपना सारा जीवन घर की देखभाल और किचन में बिता देती है। आपने कभी ये सोचा है कि जिस टेबल पर बैठकर आप नाश्ता, लंच या डिनर करते हैं, और पूरी टेबल में खाने की जूठन को बिखरा कर उठ जाते हैं मगर उसके बाद क्या होता है?कैसे एक औरत घर को रहने लायक घर बनाती है यही है इस फिल्म का मर्म। चलिए आपको सान्या की फिल्म के उन पहलुओं के बारे में बताते हैं जो इसे मस्ट वॉच बनाती हैं।

दरअसल Mrs. एक मलयालम फिल्म 'द ग्रेट इंडियन किचन' की रीमेक है जो इस वक्त प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रही है। इस फिल्म को केवल एंटरटेनमेंट के लिहाज से नहीं बनाया गया है। ये कहानी समाज को एक आईना दिखाने की कोशिश करती है।अपने सपनों के साथ शादी करके ससुराल पहुंची एक युवती जिसके मन में कई सवाल हैं कई ख्वाहिशें हैं, कैसे उसे उसका ही परिवार के दायरे में सीमित कर के रख देता ये देखकर मन में कई सवाल खड़े होते हैं। एक बात ये भी सच है कि जरूरी नहीं कि हर महिला के साथ ऐसा होता हो, लेकिन जिस समाज का हिस्सा हम हैं वहां ज्यादातर महिलाओं के साथ ऐसा जरूर आपने भी देखा ही होगा।

फिल्म में दिखाया गया है कि आज भी कुछ परिवार ऐसे हैं जो महिलाओं को खाना बनाने और बर्तन धोने जैसे कामों के लिए ही जरूरी मानते हैं। फिल्म में  सान्या के ससुर के किरदार को उनकी पत्नी सुबह हाथ में पानी और उठने से पहले बिस्तर के पास चप्पल लाकर रखती है। यानी शुरू से ही ये आदत बना दी गई कि आप को हर चीज हाथ में ही मिलेगी,और हैरानी इस बात की है सारी जरूरतें हाथ में मुहैया करवाने के बाद भी इसका क्रेडिट महिलाओं को नहीं मिलता। हालांकि इस फिल्म में सभी किरदार प्यार से ही बात करते दिखाई दे रहे हैं ,मूवी में मुख्य किरदार हैं जिसमें से सान्या का पति और उसके सास ससुर शामिल हैं। इन सभी को बहुत ही शांत स्वभाव का दिखाया गया है। वे मुस्कुरा कर बात करते हैं और कभी गुस्सा नहीं हुए, कभी हाथ नहीं उठाते। यह दिखाता है कि उत्पीड़न के कई रूप हो सकते हैं जो आसानी से नजर नहीं आते। फिल्म में पितृ सत्तात्मकता का प्रभाव पूरा दिखाया गया है,जैसे चटनी मिक्सी की नहीं हाथ से सिलबट्टे पर पीसी हुई ही खायेंगे,,कपड़े भी वाशिंग मशीन में नहीं हाथ से धुले हुए ही पहनेंगे।बहु कितना भी अच्छा खाना बना ले लेकिन तारीफ नहीं की जाएगी,उल्टा खाने में कोई न कोई कमी निकाल कर दिखाई जाएगी।

दिनभर काम से थकी हुई पत्नी का अगर पति के साथ इंटीमेट होने का मन न करे तो उसको ताने मारेंगे,फिल्म में ऐसा ही एक सीन है जिसमें सान्या अपने पति से कहती हैं थोड़ा तो फोर प्ले किया करो आते ही शुरू हो जाते हो,,तो पति नाराज़ होकर उल्टा सान्या पर फब्ती कसता है कि तुम्हारे अंदर से किचन की बदबू आती है। ये सीन दर्शाता है कि पत्नी दिनभर काम करती है और पति उस काम की कद्र करने की बजाय उस पर ही कमेंट करने लगता है,ऐसे में एक लड़की ससुराल में खुद को सिर्फ एक नौकरानी के रूप में ही खड़ा पाती है।

भले ही भारतीय समाज में लड़कियों की पढ़ाई और करियर के प्रति सोच बदल रही हो जिस वजह से पहले के मुकाबले शिक्षा में उनकी संख्या बढ़ी है। लेकिन जब बात शादी की आती है तो उसमें पढ़ी-लिखी, बड़ी डिग्री वाली लड़कियां तो चाहिए होती हैं लेकिन वे आगे जाकर हाउसवाइफ के तौर पर ही रहें, इसे ही बेहतर माना जाता है। Mrs. में भी ऐसे ही पाखंडी समाज पर वार करने की कोशिश की गई है। फिल्म के किरदारों में कहीं न कहीं हम सबकी झलक मौजूद है। यह दिखाती है कि ऐस परिवारों का कोई सामाजिक परिवेश नहीं होता, वे घरों की चारदीवारी के भीतर ही अपनी दुनिया बनाते हैं।

इस फिल्म को सफल बनाने में फिल्म की निर्देशक, राइटर और कलाकारों का महत्वपूर्ण योगदान है। फिल्म में ससुर के किरदार में कंवलजीत सिंह और पति के किरदार में निशांत दहिया ने काफी अच्छा काम किया है जिन्हें पूरी मूवी में देखकर आपको एक वक्त के बाद इनके रोल से नफरत होने लगेगी। और सही मायने में यह उनके अभिनय की जीत है। वहीं सान्या ने अपनी एक्टिंग से फिल्म को निखारने का काम किया है।