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कुरुक्षेत्र एलएनजेपी अस्पताल का निरीक्षण: स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने सफाई व्यवस्था पर अधिकारियों को लगाई फटकार

Inspection of Kurukshetra LNJP Hospital: Health Minister Arti Singh Rao reprimanded the officials for cleanliness

चंडीगढ़। हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा है कि प्रदेश के राजकीय अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी नहीं रहने दी जाएगी। सरकार ने इसके लिए ठोस कदम उठाए हैं और जल्द ही 500 नए चिकित्सकों की भर्ती की जाएगी। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और भर्ती प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू होगी। शुक्रवार को मंत्री ने कुरुक्षेत्र स्थित एलएनजेपी अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने फार्मेसी, शौचालयों और सफाई व्यवस्था की गहन समीक्षा की। अस्पताल में जगह-जगह पड़े मलबे और शौचालयों की खस्ता हालत देखकर उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई और तत्काल सुधार के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान मंत्री ने मरीजों से सीधे बातचीत कर उनकी समस्याएं जानीं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में केवल दवाइयों की उपलब्धता ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि मरीजों को बेहतर माहौल और बुनियादी सुविधाएं भी मिलनी चाहिए। फार्मेसी में दवाओं का पर्याप्त स्टॉक मिलने पर उन्होंने संतोष जताया, लेकिन साथ ही सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने को कहा।

आरती सिंह राव ने अधिकारियों और चिकित्सकों से स्पष्ट कहा कि मरीजों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए हर स्तर पर सख्ती से काम होगा। राजनीतिक नजरिए से देखा जाए तो मंत्री का यह दौरा सरकार के स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता देने के संदेश के रूप में देखा जा रहा है। विपक्ष जहां अस्पतालों में अव्यवस्था और संसाधनों की कमी पर सरकार को घेरता रहा है, वहीं 500 चिकित्सकों की भर्ती का ऐलान जनता के बीच सरकार की गंभीरता और जवाबदेही को उजागर करता है। निरीक्षण के बाद मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी शौचालयों की मरम्मत और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए, ताकि मरीजों और उनके परिजनों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण और समय पर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।स्पष्ट है कि एलएनजेपी अस्पताल का यह निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं था, बल्कि सरकार की उस राजनीतिक प्रतिबद्धता का हिस्सा है जिसमें जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ देने का वादा शामिल है।