हनीमून कपल केसः होटल, हनीमून और कत्ल! आखिर कहां है सोनम? तीन अनजाने युवकों की एंट्री से बढ़ा सस्पेंस, सवालों में उलझी शिलांग ट्रिप की कहानी

Honeymoon couple case: Hotel, honeymoon and murder! Where is Sonam? The suspense increased with the entry of three unknown young men, the story of Shillong trip got entangled in questions

नई दिल्ली। मेघालय के शिलांग घूमने गए इंदौर के नवविवाहित कपल राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम का मामला लगातार रहस्यमयी होता जा रहा है। बता दें कि 23 मई को कपल के लापता होने के बाद 2 जून को राजा का शव एक खाई से बरामद हुआ, लेकिन सोनम का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। जिस जगह इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी का शव जिस जगह मिला, वहां का वीडियो उनके भाई विपिन ने शेयर किया और बताया है कि रैलिंग करीब चार फीट ऊंची है। यहां से कूद पाना आसान नहीं है। विपिन ने कहा कि मेरा भाई राजा रघुवंशी और उसकी पत्नी सोनम वहां हनीमून मनाने गए थे। आराम से घूम रहे थे। आपस में कोई विवाद भी नहीं था, इसलिए जानबूझकर राजा वहां नहीं कूदा होगा। उसे मारकर फेंका गया है, ताकि किसी को कुछ पता न चल सके। 

इस बीच एक गाइड ने दावा किया है कि जिस दिन राजा और सोनम लापता हुए, उस दिन उनके साथ तीन अन्य युवक भी थे। गाइड ने पुलिस को यह जानकारी दी है। मावलाखियात के गाइड अल्बर्ट पैड ने बताया कि राजा और सोनम को तीन पर्यटकों के साथ 23 मई सुबह 10 बजे नोंग्रियात से मावलाखियात के बीच देखा गया। अल्बर्ट ने कहा कि वे इंदौर के दंपती को पहचानते हैं, क्योंकि उन्होंने एक दिन पहले राजा और सोनम को नोंग्रियात तक चढ़ने के लिए अपनी सेवाएं देने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था। उन्होंने दूसरे गाइड वानसाई की सेवाएं ली थीं। अल्बर्ट ने बताया कि चारों आगे चल रहे थे, जबकि सोनम पीछे थी। वे चारों हिंदी में बात कर रहे थे। लेकिन मैं समझ नहीं पाया कि वे क्या बोल रहे थे, क्योंकि मैं केवल खासी और अंग्रेजी ही जानता हूं। उन्होंने बताया कि उन लोगों ने शिपारा होम स्टे में रात बिताई और अगले दिन बिना गाइड के ही लौट आए। शिलांग से 80 किमी दूर सोरा पहाड़ी इलाका है। यहां घने जंगल हैं।

11 मई को हुई थी राजा और सोनम की शादी
राजा के भाई विपिन ने बताया- राजा और सोनम रघुवंशी की शादी 11 मई को हुई थी। वे 20 मई को हनीमून के लिए शिलांग के लिए रवाना हुए। पहले उन्होंने गुवाहाटी में मां कामाख्या के दर्शन किए। यहां से 23 मई को मेघालय के शिलांग रवाना हुए। शुरुआत में परिवार की दोनों से बात होती रही, फिर संपर्क टूट गया। 24 मई से दोनों के मोबाइल बंद हो गए तो चिंता होने लगी। मैं और सोनम के भाई गोविंद 25 मई को इंदौर से कार से भोपाल गए। वहां से फ्लाइट से दिल्ली और फिर गुवाहाटी पहुंचे। यहां से कार से शिलांग आए। फिर टैक्सी से सोरा गए। हमने वहां पहुंचते ही सर्चिग शुरू कर दी।