Good Morning India: दहेज प्रथा पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, कहा- विवाह एक व्यावसायिक लेन-देन बनकर रह गया! सरकार का बड़ा फैसला, अब डॉक्टर की पर्ची बिना दवा दुकानों पर नहीं मिलेगा कफ सिरप! यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण में सीबीआई ने की पहली गिरफ्तारी, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय मामले में विजिलेंस से खुली जांच के निर्देश
नमस्कार दोस्तों, आवाज 24X7 अपने खास कॉलम "गुड मॉर्निंग इंडिया" लेकर एक फिर आपके समक्ष प्रस्तुत है। आईए अभी तक की खबरों और आज के प्रमुख कार्यक्रमों पर नजर डालते हैं। शुरुआत आज की उन कार्यक्रमों से करते हैं, जिनपर सभी की नजर रहेगी। उत्तर बंगाल में आज तुफानगंज से शुरू होगी CPIM की ‘बांग्ला बचाओ यात्रा’। वहीं नेशनल हेराल्ड मामले में राउज़ एवेन्यू कोर्ट में आज होगी सुनवाई।
अब बड़ी खबरों की तरफ रुख करते हैं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि जो भी दस्तावेज पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऑटोपेन मशीन से साइन किए थे, वे सब अब रद्द हो गए हैं। ट्रंप ने दावा किया कि बाइडेन के लगभग 92 फीसदी ऑर्डर इसी मशीन से साइन हुए थे। ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, 'स्लीपी जो बाइडेन ने ऑटोपेन से जो भी कागजात साइन किए, वे सब टर्मिनेट किए जाते हैं। उनका कोई कानूनी असर नहीं रहेगा। ऑटोपेन का इस्तेमाल तभी जायज है जब राष्ट्रपति खुद खास तौर पर इजाजत दे।'
इधर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि विवाह एक पवित्र और महान संस्था है, जो आपसी विश्वास, साहचर्य और सम्मान पर आधारित है, लेकिन दहेज की बुराई के कारण यह पवित्र बंधन दुर्भाग्य से एक व्यावसायिक लेन-देन बनकर रह गया है। न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि दहेज हत्या केवल एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि समग्र समाज के खिलाफ अपराध है। पीठ ने कहा, ‘यह न्यायालय इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकता कि विवाह, अपने वास्तविक स्वरूप में, आपसी विश्वास, साहचर्य और सम्मान पर आधारित एक पवित्र और महान संस्था है। हालांकि, हाल के दिनों में यह पवित्र बंधन दुर्भाग्य से एक मात्र व्यावसायिक लेन-देन बनकर रह गया है। दहेज की बुराई को (भले ही) अक्सर उपहार या स्वैच्छिक भेंट के रूप में छिपाने की कोशिश की जाती है, लेकिन वास्तव में यह सामाजिक प्रतिष्ठा प्रदर्शित करने और भौतिक लालच को शांत करने का एक साधन बन गई है।’
उधर कफ सिरप से कई बच्चों की मौतों और दुष्प्रभावों को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसकी मनमानी बिक्री पर लगाम लगाने के लिए कड़ा कदम उठाया है। अब अधिकांश कफ सिरप डॉक्टर की पर्ची के बिना मेिडकल दुकानों पर नहीं बेचे जा सकेंगे। उन्हें हर प्रिस्क्रिप्शन का रिकॉर्ड रखना होगा। साथ ही, कफ सिरप व गुणवत्ता जांच के कड़े नियमों का पालन करना होगा। सरकार की शीर्ष नियामक औषध परामर्श समिति ने कफ सिरप को उस शेड्यूल से हटाने की मंजूरी दे दी है, जिसके प्रावधान कफ सिरप को लाइसेंसिंग व खास निगरानी नियमों से छूट देते थे। यानी इसे खरीदने के लिए डॉक्टर की सलाह और पर्चा अनिवार्य होगा।
इधर लाल किले की प्राचीन दीवारें इस वर्ष दिसंबर में एक अलग ही स्वर सुनेंगी। विश्व संस्कृति की सबसे महत्वपूर्ण बैठकों में से एक अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक बैठक यहां होगी। भारत सरकार पहली बार यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत समिति (आईसीएच) के 20वें सत्र की मेजबानी कर रही है। यह महत्वपूर्ण वैश्विक सम्मेलन आठ से 13 दिसंबर 2025 तक नई दिल्ली स्थित लाल किले में आयोजित होगा, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं। इसमें दुनिया के कई देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यमुना तट पर खड़े इस विश्व धरोहर स्थल को इसकी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्रतीकात्मक महत्ता के कारण चुना गया है। परिसर में स्थित 1857 प्रथम स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय, याद-ए-जालियां, नेताजी सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय और आत्मनिर्भर भारत डिजाइन केंद्र इस आयोजन को और भी अर्थपूर्ण बनाएंगे। वहीं, इस बैठक में भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय और संगीत नाटक अकादमी, इनटैन्जिबल कल्चरल हेरिटेज (आईसीएच) से जुड़े सभी मामलों के लिए नोडल एजेंसी हैं।
उधर भारत और अमेरिका के बीच एक और बड़ी रक्षा साझेदारी हुई है। भारत ने अमेरिका के साथ नौसेना के 24 ‘सीहॉक’ हेलीकॉप्टर बेड़े के लिए पांच वर्ष हेतु सतत समर्थन के उद्देश्य से 7,995 करोड़ रुपये का सौदा किया है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अनुबंध के तहत लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित MH-60R हेलीकॉप्टरों के लिए फॉलो-ऑन सप्लाई और फॉलो-ऑन सपोर्ट पैकेज शामिल है। यह समझौता अमेरिकी विदेशी सैन्य बिक्री (FMS) कार्यक्रम के तहत पत्र ऑफर एंड एक्सेप्टेंस (LOA) के माध्यम से हस्ताक्षरित हुआ। मंत्रालय के अनुसार, यह पैकेज पुर्जों, सहायक उपकरणों, उत्पाद समर्थन, प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और पुर्जों की मरम्मत जैसे प्रावधानों को कवर करता है। इससे हेलीकॉप्टरों की परिचालन उपलब्धता और रखरखाव में उल्लेखनीय सुधार होगा। MH-60R, ब्लैकहॉक का समुद्री संस्करण, सभी मौसमों में काम करने वाला बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टर है, जो एंटी-सबमरीन वारफेयर (ASW) और एंटी-सर्फेस वारफेयर (ASuW) क्षमताओं से लैस है।
इधर अमर सिंह की बेटियों को लेकर टिप्पणी करने के आरोप में दर्ज मुकदमे में रामपुर कोर्ट ने आज़म खान को बरी कर दिया है। अदालत में इस मामले में उनकी पेशी VC (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग) के माध्यम से कराई गई। इससे पहले जब रामपुर जेल से पेशी के लिए पुलिस की गाड़ी आई, तो इसे देखते ही आज़म खान भड़क गए और उसमें बैठने से मना कर दिया। उन्होंने कहा-राजनीतिक कैदी हूं, इसमें नहीं जाऊंगा, बोलेरो लाइए। हालांकि बाद में कहा गया कि उनकी बैक बोन में समस्या होने के कारण उन्होंने सामान्य पुलिस वाहन में बैठकर कोर्ट जाना संभव नहीं बताया। इस स्थिति को देखते हुए अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनकी पेशी सुनिश्चित कराई।
उधर देश में हवाई यात्रियों के लिए बड़ी खबर है। अगर आप आने वाले दिनों में इंडिगो, एयर इंडिया या एयर इंडिया एक्सप्रेस से सफर करने वाले हैं, तो आपको देरी या कैंसिलेशन का सामना करना पड़ सकता है। वजह Airbus A320 फैमिली एयरक्राफ्ट में सामने आई एक बड़ी तकनीकी समस्या है, जिसके चलते देश में 200 से 250 से ज्यादा विमानों को तुरंत सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर अपडेट की जरूरत पड़ गई है। इसका सीधा असर विमान संचालन और फ्लाइट शेड्यूल पर पड़ेगा।
अब उत्तराखण्ड की खबरों पर नजर डालते हैं, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले में पेपर हल करने वाली सहायक प्रोफेसर सुमन चौहान को शुक्रवार को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई ने इस मामले में यह पहली गिरफ्तारी की है। सुमन ने यह पेपर मुख्य आरोपी खालिद के लिए हल किया था। दून पुलिस खालिद और साबिया को गिरफ्तार कर चुकी है। वर्तमान में दोनों न्यायिक अभिरक्षा में जेल में हैं।
इधर उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितताओं की जांच अब विजिलेंस करेगी। शासन की मांग पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजिलेंस से खुली जांच कराने के लिए अनुमति दी है। ये अनियमितताएं प्रशासकीय व वित्तीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए की गईं। इसमें कुल 13.10 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताएं की गई हैं। उत्तराखंड आयुर्वेद विवि में बड़े पैमाने पर नियम विरुद्ध कर्मचारियों की पदोन्नति की गई थी। इसके अलावा जो पद विवि में स्वीकृत नहीं थे उन पर भी भर्तियां की गईं। यही नहीं कई तरह के निर्माण भी विवि में कराए गए जिनकी अनुमति शासन से नहीं ली गई थी। यह मामला वित्तीय विभाग की जांच में सामने आया। जांच में पाया गया कि कुल 13.10 करोड़ रुपये की गड़बड़ी विभिन्न कामों में की गई है। इनमें वेतन से लेकर निर्माण कार्यों में आया खर्च शामिल है।