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आस्थाः महाशक्ति के 9 स्वरूपों की उपासना का महापर्व है नवरात्रि! कल 22 सितंबर से आरंभ होगा उपासना का उत्सव, जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

Faith: Navratri is a grand festival dedicated to the worship of the nine forms of the Supreme Power! The festival of worship begins tomorrow, September 22nd. Learn the auspicious time for Kalash inst

कल 22 सितंबर, सोमवार से शारदीय नवरात्रि की शुरूआत हो रही है, जिसको लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। मंदिर सज-धजकर तैयार हैं और बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है। बता दें कि नवरात्रि महाशक्ति की आराधना का पर्व है। नवरात्रि के नौ दिन मां पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती के नौ विभिन्न स्वरूपों की उपासना के लिए निर्धारित है, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है। इस दौरान भक्तजन पहले तीन दिन पार्वती के तीन स्वरूपों की, अगले तीन दिन लक्ष्मी माता के स्वरूपों और आखिरी के तीन दिन सरस्वती माता के स्वरूपों की पूजा करते हैं। दुर्गा सप्तशती के अन्तर्गत देव दानव युद्ध का विस्तृत वर्णन है। इसमें देवी भगवती और मां पार्वती ने किस प्रकार से देवताओं के साम्राज्य को स्थापित करने के लिए तीनों लोकों में उत्पात मचाने वाले महादानवों से लोहा लिया इसका वर्णन आता है। यही कारण है कि आज सारे भारत में हर जगह दुर्गा यानि नवदुर्गाओं के मन्दिर स्थपित हैं।

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक शारदीय नवरात्रि पर्व अश्विनी शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। इस बार तृतीया तिथि 24 और 25 सितंबर दो दिन होने के कारण नवरात्रि पर्व 10 दिनों तक मनाया जाएगा। नवरात्रि पर्व की तिथि बढ़ना शुभ माना जाता है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा 21 सितंबर की अर्ध रात्रि 1.24 बजे से लगेगी, जो कि दूसरे दिन 22 सितंबर की ब्रह्मवेला में प्रतिपदा तिथि तक रहेगी। अतः इस दिन ही शारदीय नवरात्रि पर्व की शुरूआत होगी। पंचांग के मुताबिक 22 सितंबर को घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 09 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 05 मिनट है। वहीं दूसरा मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त में 11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक है। इन दोनों में से किसी भी मुहूर्त घटस्थापना कर सकते हैं। बता दें कि वर्ष में दो बार चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा की जाती है। हालांकि कि गुप्त नवरात्रि भी आती है, लेकिन चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि की लोक मान्यता ज्यादा है। साल में दो बार आश्विन और चैत्र मास में नौ दिन के लिए उत्तर से दक्षिण भारत में नवरात्र उत्सव का माहौल होता है।