नैनीताल:दिव्यांग महिला से बलात्कार के दोषी को 12 वर्ष कठोर कारावास की सजा,जुर्माना लगा अलग
नैनीताल जिला एवं सत्र न्यायालय ने भीमताल क्षेत्र के निवासी अजय कुमार आर्य को शारीरिक रूप से कमजोर (दिव्यांग) महिला से दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराते हुए 12 वर्ष कठोर कारावास और 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। न्यायाधीश हरीश कुमार गोयल की अदालत ने यह फैसला आज सुनाया। आरोपी को धारा 376(2)(l), 376(2)(n) तथा 506 आईपीसी के तहत अलग-अलग सजाएं सुनाई गईं, जो एक साथ चलेंगी।
मामले के अनुसार दुष्कर्म की ये घटना मार्च 2024 की है, जब होली से कुछ दिन पहले पीड़िता घर पर अकेली थी। पड़ोसी अजय कुमार आर्य ने मौका पाकर उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता ने 19 सितंबर 2024 को अपनी भाभी को पूरी घटना बताई। चिकित्सकीय जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई तथा पीड़िता के गर्भवती होने का पता चला। इसके बाद भाभी ने भीमताल थाने में एफआईआर संख्या 40/2024 दर्ज कराई।
अभियोजन पक्ष की पैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) सुशील कुमार शर्मा ने की। पक्ष की ओर से आठ गवाह पेश किए गए। पीड़िता ने कोर्ट में अपने बयान में आरोपों की पुष्टि की। सभी साक्ष्यों व बयानों पर विचार के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी पाया और उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
बता दें कि दोषी को धारा 376(2)(l) आईपीसी के तहत 12 वर्ष कठोर कारावास तथा 15,000 रुपये जुर्माना। जुर्माना अदा न करने पर 6 माह अतिरिक्त साधारण कारावास,धारा 376(2)(n) आईपीसी के तहत 10 वर्ष कठोर कारावास तथा 10,000 रुपये जुर्माना। जुर्माना अदा न करने पर 3 माह अतिरिक्त साधारण कारावास,धारा 506 आईपीसी के तहत 2 वर्ष कठोर कारावास तथा 2,000 रुपये जुर्माना,जुर्माना अदा न करने पर 1 माह अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा दी गई है।
वहीं जांच एवं विचारण के दौरान बिताई गई हिरासत की अवधि धारा 428 सीआरपीसी के तहत सजा से समायोजित की जाएगी। दोषी को उत्तराखंड उच्च न्यायालय में अपील का अधिकार है। कोर्ट द्वारा जेल अधीक्षक को निर्देश दिए गए हैं कि आवश्यकता पड़ने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सहायता से अपील दाखिल करने में मदद की जाए। फैसले की प्रति दोषी को निःशुल्क प्रदान की गई तथा अनुपालन के लिए जेल अधीक्षक व प्राधिकरण को प्रेषित की गई।