बड़ी खबरः कुमाऊं विवि के 28वें कुलपति रहे डॉ. कृष्ण शेखर राणा बड़े फर्जीवाड़े में गिरफ्तार! ओमान का हाई कमिश्नर बनकर उठा रहे थे वीआईपी और सरकारी सेवाओं का लाभ, पुलिस ने किया हैरान करने वाला खुलासा

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नैनीताल/नई दिल्ली। कुमाऊं यूनिवर्सिटी के 28वें कुलपति रहे डॉ. कृष्ण शेखर राणा को गाजियाबाद पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े के तहत गिरफ्तार किया है। खबरों की मानें तो डॉ. राणा ओमान के हाई कमिश्नर बनकर वीआईपी और सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे थे और उनके पास से विदेशी राजनयिक होने का फर्जी आईडी कार्ड, फर्जी राजनयिक डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट वाली मर्सिडीज कार और अन्य फर्जी आपत्तिजनक डॉक्यूमेंट भी बरामद हुए हैं। इस खबर से जहां प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा हुआ है वहीं सरकार की तमाम एजेंसियों पर सवाल भी उठ रहे हैं। 

पुलिस के मुताबिक डॉ. कृष्ण शेखर राणा IGTC (INDIA GCC TRADE COUNCIL) नामक एक एनजीओ से जुड़ा था, जहां उसे ट्रेड कमिश्नर का पद दिया गया था। लेकिन राजनयिक प्रोटोकॉल पाने के चक्कर में आरोपी कृष्ण शेखर राणा, पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा करने लगा। आरोपी यूपी के मथुरा और हरियाणा के फरीदाबाद में फर्जीवाड़ा कर पुलिस प्रोटोकॉल और सरकारी सुविधाएं ले चुका है। पुलिस के अनुसार आरोपी को गाजियाबाद के कौशांबी इलाके से गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल आरोपी दिल्ली लाजपत नगर में रह रहा था। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह ओमान से व्यापार बढ़ाने के लिए कार्यरत एक एनजीओ से जुड़े हैं, जिसके नाम पर खुद को हाई कमिश्नर बताकर धोखाधड़ी कर रहा था।

लिंक में देखें क्या कहती है पुलिस...
https://x.com/ghaziabadpolice/status/1900117334242783430?t=wBYWZhKcdI836mOZA-Qk-g&s=08

पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किया गया आरोपी चार विश्विद्यालयों का कुलपति रह चुका है। वर्तमान में वह इंडिया जीसीसी ट्रेड काउंसिल नाम की एनजीओ से जुड़ा हुआ था, लेकिन वह खुद को जीसीसी (गल्फ कंट्रीज काउंसिल) से बताकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की आंख में धूल झोंक रहा था। आरोपी का पर्सनल सेक्रेट्री प्रोटोकॉल पत्र जारी करता था, लिहाजा उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी डॉ.कृष्ण शेखर राणा उर्फ डॉ. केएस राणा दिल्ली के अमर कॉलोनी थाना इलाके के 13, नेशनल पार्क रोड लाजपत नगर-4 का रहने वाला है। केएस राणा मूलरूप से आगरा का रहने वाला है। वह वर्ष 1982 से 2015 तक आगरा विश्विद्यालय में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहा। उसका आगरा में कृष्णा कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी तथा राजस्थान में एक रिसॉर्ट है। केएस राणा ने वर्ष 2015 में आगरा विवि से प्रोफेसर के पद से रिटायर होने के बाद वर्ष 2018 तक पर्यावरण मंत्रालय की अप्रेजल अथॉरिटी में बतौर सलाहकार काम किया। इसके बाद वर्ष 2018 से 2020 तक कुमाऊं विश्विद्यालय नैनीताल, वर्ष 2020 से 2021 तक अल्मोड़ा रेजिडेंशियल विवि उत्तराखंड, वर्ष 2021 से वर्ष 2022 तक मेवाड़ विश्विद्यालय राजस्थान तथा वर्ष 2022 से वर्ष 2024 तक जयपुर टेक्निकल विश्विद्यालय राजस्थान में कुलपति के रूप में कार्यरत रहा। फिलहाल यह मामला देशभर में सुर्खियों में बना हुआ है और हर कोई डॉ. राणा के फर्जीवाड़े की खबर से हैरान है। कुमाऊं विवि में भी इसको लेकर खासी चर्चाएं चल रही हैं। 

कुमाऊं विवि में निर्विवाद रहा कार्यकाल
डॉ. कृष्ण शेखर राणा कुमाऊं यूनिवर्सिटी नैनीताल के 28वें कुलपति भी रह चुके हैं। हालांकि यहां उनका कार्यकाल निर्विवाद रहा। बताया जाता है कि जब डॉ. राणा कुमाऊं यूनिवर्सिटी के कुलपति रहे तब यहां डिग्रियों में तेजी लाने का काम हुआ था और वह ऐसे पहले कुलपति थे जिसने कार्यवाहक कुलपति के तौर पर सबसे ज्यादा समय तक काम किया था। अब जैसे ही उनके फर्जीवाड़े की खबर लोगों तक पहुंची तो हर कोई हैरान हो गया।