हरियाणा की जेलों में बंद कैदियों को किया जाएगा निपुण, गुरुग्राम में तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र की योजना,औद्योगिक कोर्स भी होंगे शुरू

Prisoners in Haryana jails will be trained, technical training centre planned in Gurugram, industrial courses will also be started

पंचकूला। हरियाणा की जेलों में बंद कैदियों को सजा पूरी होने के बाद फिर से समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के मकसद से जेल विभाग ने सुधारात्मक कार्य योजना तैयार की है। डीजी जेल, आईपीएस आलोक राय ने बताया कि जेलों में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने के अलावा जेलों में ही कैदियों के लिए नए व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए कार्य योजना को क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया है। 

इस मुहिम में निदेशक, तकनीकी शिक्षा विभाग, हरियाणा के सहयोग से जिला जेल गुरुग्राम में एक तकनीकी डिप्लोमा प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना का काम जारी है। इसमें प्राथमिक तौर पर कंप्यूटर इंजीनियरिंग डिप्लोमा (तीन वर्षीय) प्रधानाचार्य, राजकीय तकनीकी संस्थान, इंद्री जिला मेवात के सहयोग से शुरू किया जा रहा है। इस संबंध में निदेशक तकनीकी शिक्षा विभाग, पंचकूला द्वारा जिला जेल गुरुग्राम में इस केंद्र को स्थापित करने के लिये औपचारिक अनुमोदन भी सरकार से प्राप्त कर लिया गया है बताया गया कि जिला जेल गुरुग्राम में यह प्रशिक्षण केंद्र अगस्त के अंतिम सप्ताह तक कार्यान्वित कर दिया जाएगा। निदेशक, कौशल विकास एवं औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान, हरियाणा की सहायता से राज्य की पांच जेलों- केन्द्रीय जेल अम्बाला, जिला जेल करनाल, पानीपत, गुरुग्राम और फरीदाबाद पर भिन्न-भिन्न प्रकार के औद्योगिक प्रशिक्षण कोर्स आरम्भ करवाने का फैसला लिया गया है. डीजी जेल ने बताया की इन औद्योगिक प्रशिक्षण कोर्स को शुरू करवाने के लिए उन्होंने आवश्यक सामान की खरीद की मंजूरी दे दी है। 

यह प्रशिक्षण कोर्स अगस्त के अंतिम सप्ताह तक शुरू कर दिए जाएंगे। जेलों में परिरुद्ध कैदियों को उनकी सजा अवधि के दौरान इस प्रकार व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने से वह जेल में न केवल मानसिक तनाव से दूर रहेंगे, बल्कि आत्मनिर्भर होकर सजा समाप्ति पर रिहाई के बाद अपने परिवार का भी पालन-पोषण कर सकेंगे। भविष्य में भी कैदियों के पुनर्वास के लिए कई अन्य कल्याणकारी योजनाएं प्रस्तावित हैं। डीजी जेल आलोक कुमार राय ने बताया कि गैंगस्टर या अन्य आपराधिक प्रवृत्ति वाले खूंखार कैदियों द्वारा जेल में रहते समय बाहर किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधि में संलिप्तता को रोकने के लिए प्रभावी एवं ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इस दिशा में 29 गैंगस्टर को एक जेल से दूसरी जेल स्थानांतरित किया गया है। जिला जेल यमुनानगर से एक गैंगस्टर द्वारा जेल से मोबाइल प्रयोग का प्रकरण संज्ञान में आया है, जिस पर पुलिस अधीक्षक यमुनानगर के नेतृत्व में एक एसआईटी गठित करने के आदेश जारी किए गए। इसी तरह जिला जेल फरीदाबाद में एक अधिकारी एवं दो कर्मचारियों के बंदियों के परिवारजनों के साथ अवैद्य संपर्क में प्राप्त सोर्स-रिपोर्ट पर महा निरीक्षक कारागार को प्रारंभिक जांच के निर्देश दिए गए हैं। एक अन्य प्रकरण में पैलेस ऑफ सेफ्टी फरीदाबाद में कार्यरत इंचार्ज एवं दो वार्डर को उनके दुराचार के कारण सेवा से निलंबित कर विभागीय कार्यवाही की जा रही है। डीजी जेल ने कहा कि ऐसे मामलों में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की संलिप्तता को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ आपराधिक/अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। 

जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए पंजाब कारागार विभाग की तर्ज पर पुलिस विभाग हरियाणा से उप-अधीक्षक/निरीक्षक पद के अधिकारी को जेल विभाग हरियाणा में प्रतिनियुक्ति के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी। इसके अलावा, मुख्यालय स्तर पर भी इन अधिकारियों की संयुक्त टीमें बनाकर जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। इस मामले में डीजीपी हरियाणा के साथ समन्वय स्थापित कर प्रस्ताव सक्षम प्राधिकारी से जल्द अनुमोदित किया जाएगा। इसके अलावा, जेलों की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर वर्तमान में हरियाणा राज्य की 6 जेलों- जिला जेल करनाल, झज्जर, फरीदाबाद, यमुनानगर, गुरुग्राम और रोहतक में बाहरी सुरक्षा के लिए बीएसएफ कंपनी भी तैनात है. बताया कि भविष्य में जेलों की सुरक्षा के मद्देनजर इसे अन्य जेलों पर विस्तार करने बारे भी विचार किया जा रहा है। हरियाणा की जेलों में बीते छह महीने में लगभग 23 मोबाइल मिले हैं, इन सभी मामलों में 23 एफआईआर दर्ज की गई हैं. इन सभी मामलों में संबंधित जिला स्तर पर एसआईटी गठित कर स्टेट क्राइम द्वारा जांच की जाएगी। कहा कि यदि इसमें किसी अधिकारी/कर्मचारी की संलिप्ता पाई जाती है तो उनके विरूद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीजी जेल ने बताया कि उनका पहला लक्ष्य हरियाणा की जेलों को पूरी तरह से मोबाइल और नशा मुक्त बनाना है। इस मुहिम में हाल ही में लगभग 27 गैंगस्टर को एक जेल से दूसरी जेल पर स्थानांतरित किया गया है, ताकि जेलों में परिरुद्ध रहते गैंगस्टर व अन्य अपराधी बाहर किसी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त न हों सकें। डीजी जेल ने सभी अधीक्षक जेलों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे सभी आपराधिक प्रवृत्ति वाले कैदियों, विशेष रूप से गैंगस्टरों की गतिविधियों को सूक्ष्मता से मॉनिटर करें, ताकि किसी भी प्रकार की आपराधिक घटना न हो।  इस प्रकार के मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा और ऐसे मामलों में कोई भी कोताही/संलिप्तता मिलने पर संबंधित अधीक्षक जेल/अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।