बड़ी खबरः SIR पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी! आधार कार्ड अकेले पहचान का सबूत नहीं

नई दिल्ली। एसआईआर मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने कहा है कि चुनाव आयोग सही है यह कहने में कि आधार को अंतिम प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता, इसकी जांच-परख जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार एसआईआर के खिलाफ याचिकाकर्ताओं से कहा कि अगर 7.9 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 मतदाताओं ने जवाब दिया तो यह 1 करोड़ मतदाताओं के गायब होने की बात को खारिज करता है। मामले में सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि 1950 के बाद जन्मा हर व्यक्ति भारत का नागरिक है लेकिन यहां प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक छोटे से विधानसभा क्षेत्र में 12 लोगों को मृत दिखा दिया गया, जबकि वे जिंदा है। BLO ने कोई काम नहीं किया। सीनियर एडवोकेट गोपाल एस. ने कोर्ट को बताया कि 65 लाख नाम हटाए गए हैं, यह सामूहिक बहिष्करण है। वहीं, चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि यह सिर्फ ड्राफ्ट रोल है। इतने बड़े अभ्यास में छोटी-मोटी गलती हो सकती है, लेकिन यह कहना कि मृत जीवित हैं, सही नहीं। जस्टिस जॉयमाला बागची ने कहा कि ड्राफ्ट रोल से पहले जो तैयारी के कदम होते हैं, वह सही तरीके से फॉलो नहीं हुए तो यह गंभीर मामला है। कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों को गलत तरीके से मृत दिखाया गया है, उन्हें सुधारा जाएगा।