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बड़ी खबरः स्टैंड-अप कॉमेडियन्स के मजाक पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी! कहा- इसका अंत कहां होगा? माफी मांगें

 Big news: Supreme Court's strong comment on jokes of stand-up comedians! Said- where will this end? Apologize

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को इंडियाज़ गॉट लेटेंट विवाद से जुड़े मामले को लेकर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जॉयमाल्या बागची ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि हास्य को अच्छी तरह से लिया जाता है और यह जीवन का एक अभिन्न अंग है, हम खुद पर हंसते हैं। लेकिन जब हम दूसरों पर हंसने लगते हैं और संवेदनशीलता को ठेस पहुंचाते हैं। सामुदायिक स्तर पर जब हास्य उत्पन्न होता है, तो यह समस्या बन जाता है। और यही बात आज के तथाकथित प्रभावशाली लोगों को ध्यान में रखनी चाहिए। इस दौरान जस्टिस बागची ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी को कुछ लोग भाषण का व्यवसायीकरण कर रहे हैं। किसी खास वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए समुदाय का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। यह केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं, बल्कि व्यावसायिक भाषण है।

सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना समेत सोशल मीडिया के प्रभावशाली लोगों को निर्देश दिया और कहा कि वे अपने पॉडकास्ट और कार्यक्रम में दिव्यांगों का उपहास करने के लिए माफी मांगें। इस मामले पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अधिकारों और कर्तव्यों में संतुलन होना चाहिए। हास्य कलाकार समय रैना व अन्य के वकील ने कहा कि हमने बिना शर्त माफ़ी मांग ली है। प्रतिवादी पिछले आदेश के अनुसार उपस्थित हैं। इसपर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अगली बार हमें बताएं कि हम आप पर कितना जुर्माना लगाएं। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आज बात विकलांगों की है, अगली बार बात महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों की हो सकती है। इसका अंत कहां होगा? कोर्ट ने सभी को माफी मांगने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा यूट्यूब में सभी माफी मांगे। कोर्ट नवंबर के में सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सोशल मीडिया पर विकलांगों, महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों का अपमान करने या उनका उपहास करने वाले भाषणों पर अंकुश लगाने के लिए दिशा-निर्देश बनाने को कहा।