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बड़ी खबरः सुप्रीम कोर्ट ने एथेनॉल-फ्री पेट्रोल पर विकल्प की मांग खारिज की! ई-20 बिक्री जारी रहेगी, जानें क्या है पूरा मामला?

Big news: Supreme Court rejects demand for alternative to ethanol-free petrol! E-20 sales will continue, know what is the whole matter?

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज 1 सितंबर, सोमवार को पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिलाने का विरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इसमें हस्तक्षेप की कोई जरूरत नहीं है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि लाखों मोटर चालकों को ऐसे फ्यूल का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर किया जा रहा है जो उनकी गाड़ियों के लिए डिजाइन नहीं किया गया है। याचिकाकर्ता ने कई निर्देशों की मांग की थी, जिनमें प्रमुख रूप से पेट्रोल पंप पर एथेनॉल-फ्री पेट्रोल उपलब्ध कराने, सभी पंप और डिस्पेंसिंग यूनिट्स पर स्पष्ट लेबल लगाने, उपभोक्ताओं को उनके वाहन की फ्यूल-कंपैटिबिलिटी की जानकारी देने और कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट, 2019 के तहत उचित एडवाइजरी जारी करने की मांग शामिल थी।

सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट सदन फरसत ने याचिकाकर्ता का पक्ष रखा। उन्होंने नीति आयोग की 2021 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि देश में 2023 से पहले बने वाहनों के लिए 20 फीसदी इथेनॉल वाला पेट्रोल उपयुक्त नहीं है। इससे वाहनों का माइलेज छह फीसदी तक कम होता है। वकील ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता इथेनॉल वाले पेट्रोल के खिलाफ नहीं है। वह सिर्फ पुराने वाहनों के लिए बिना इथेनॉल वाले पेट्रोल का विकल्प चाहता है। वहीं भारत के अटॉर्नी जनरल आर.वेंकटरमणि ने कहा कि याचिकाकर्ता सिर्फ एक नाम है। उसके पीछे बड़ी लॉबी काम कर रही है। सरकार ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह नीति बनाई थी। इससे गन्ना व्यापारियों को फायदा हो रहा है। देश के बाहर बैठे लोग यह नहीं तय कर सकते कि देश में कैसा पेट्रोल मिलेगा। इसके बाद सीजेआई ने याचिका खारिज कर दी। बता दें कि भारत में सरकार पेट्रोल में 20 फीसदी तक इथेनॉल मिलाती है। इससे गन्ना किसानों को फायदा मिलता है और उनका गन्ना ऊंची कीमत में बिकता है। हालांकि इसका असर वाहनों के माइलेज पर पड़ता है। कुछ रिपोर्ट में कहा गया है कि पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने से वाहनों का माइलेज कम होता है और कई वाहनों में भी गड़बड़ी आती है। हालांकि सरकार ने इन रिपोर्ट का खंडन किया है।