उत्तराखण्डः सहायक अभियोजन अधिकारी भर्ती परीक्षा को लेकर दायर याचिका पर हुई सुनवाई! हाईकोर्ट ने गृह सचिव से पूछा- किस अधिकारी की वजह से ये गलती हुई?

नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में लोक सेवा आयोग वर्ष 2021 में आयोजित सहायक अभियोजन अधिकारी भर्ती परीक्षा में याचिकाकर्ता का चयन नहीं किए जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट की खण्डपीठ में आज पूर्व के आदेश पर गृह सचिव वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए। कोर्ट ने उनसे पूछा है कि किस अधिकारी की वजह से ये गलती हुई है। उसका नाम कोर्ट को बताएं। किस आधार पर यह कह दिया कि वेटिंग लिस्ट का समय समाप्त हो गया है। जबकि भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। इसको स्पष्ट कर जवाब पेश करने के साथ ही आयोग के अधिकारियों से जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा है। बता दें कि अमन गुप्ता ने उच्च न्यायालय में आयोग को चुनौती देती याचिका दायर कह कहा है कि वर्ष 2021 में आयोग ने सहायक अभियोजन अधिकारी के 63 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की। प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा के बाद परीक्षा परिणाम घोषित किया गया, लेकिन 30 नवम्बर 2022 को आयोग ने दिव्यांग कोटे के दो पदों को वापस ले लिया और साक्षात्कार के बाद 17 मार्च 2023 को 61 पदों का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया। आयोग के इस कदम को एक अन्य याचिकाकर्ता क्षितिज रावत ने चुनौती दी और कहा कि दिव्यांग कोटे के दो पदों को गलत ढंग से वापस लिया है। अदालत ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला देते हुए आयोग को दो पदों पर भी भर्ती करने के निर्देश दिये। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद आयोग ने 17 अगस्त को इन पदों के परिणाम घोषित कर दिए। याचिकाकर्ता का कहना है कि आयोग ने साक्षात्कार के बाद भी उसका चयन नहीं किया है।