बदायूं काण्डः मासूम बच्चों का गला रेत बोला हत्यारोपी साजिद! आज मैंने अपना काम पूरा कर लिया, एफआईआर में किया जिक्र

Badaun incident: Murder accused Sajid said he slit the throats of innocent children! Today I completed my work, mentioned in the FIR

बदायूं। यूपी के बदायूं में दो मासूम बच्चों की हत्या के बाद तनाव बरकरार है। इस दौरान भारी फोर्स तैनात है और परिवार में कोहराम मचा हुआ है। यहां धारदार हथियार से गला काटकर मासूमों की हत्या की गई थी। हत्या करने के बाद आरोपियों ने मृतक बच्चों की मां से कहा कि आज मैने अपना काम पूरा कर दिया है। इस बात का जिक्र एफआईआर कॉपी में किया गया है। मृतक बच्चों के पिता विनोद कुमार ने जो एफआईआर दर्ज करवाई है उसके मुताबिक, 19 मार्च को साजिद और जावेद घर में घुसे थे। उन्होंने मेरी पत्नी से पैसे मांगे थे। फिर अस्वस्थ महसूस करने का बहाना बनाकर छत पर चले गए। वहां चाकू से आयुष और आहान पर कई वार किए और उनको मार डाला। तीसरे बच्चे पर भी हमला किया लेकिन वो बच निकला। 

एफआईआर में विनोद सिंह ने आगे लिखा कि जब साजिद और जावेद छत से उतर रहे थे तो मेरी पत्नी ने उनके हाथों में खून से सना चाकू देखा। घर से निकलते टाइम उन्होंने कहा कि आज मैंने अपना काम पूरा कर दिया है। ये सब देख-सुन पत्नी घबरा गई और वो भागकर छत पर पहुंची तो वहां बच्चे खून से लथपथ पड़े थे। चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंच गए। जिसके बाद पुलिस को फोन किया गया। इस बीच साजिद मौका पाकर भाग गया। एफआईआर में विनोद कुमार ने बताया कि उनके घर के सामने ही साजिद अपने भाई जावेद के साथ बार्बर शॉप चलाता है। मंगलवार शाम करीब 7 बजे साजिद अपने भाई के साथ बाइक से घर आया। उस समय घर पर विनोद कुमार की पत्नी संगीता देवी, मां मुन्नी देवी और तीन छोटे बच्चे आयुष (13), पीयूष (9) और आहान (6) मौजूद थे। घर में घुसने के बाद साजिद ने संगीता से कहा कि उसकी पत्नी की डिलिवरी होने वाली है और डॉक्टर ने रात 11 बजे का वक्त दिया है। उसने संगीता से 5000 रुपये मांगे। इस दौरान साजिद का भाई जावेद बाइक लिए बाहर खड़ा रहा। संगीता ने पैसे देने की बात कही, तो उसी दौरान साजिद ने मंझले लड़के पीयूष को गुटखा लाने के लिए बाहर भेज दिया। इसी दौरान मन घबराने की बात कहकर साजिद घर की छत पर चला गया। साथ में छोटे लड़के आहान को भी ले गया। फिर उसने बड़े लड़के आयुष को पानी लाने के लिए कहा और इसी बीच अपने भाई जावेद को घर के अंदर बुला लिया।

इस तरह साजिद, जावेद और दोनों लड़के (आयुष, आहान) छत पर चले गए. विनोद की पत्नी संगीता जब अंदर से पैसे लेकर बाहर आई तो उसने देखा कि साजिद और जावेद सीढ़ियों से नीचे उतर रहे थे। उनके हाथ में खून से सनी हुई चाकू थी। उन्होंने संगीता को देखते ही कहा कि 'आज मैंने अपना काम पूरा कर दिया है। यह देखकर संगीता घबराकर चिल्लाई, तो मोहल्ले के लोग जुट गए। फिर संगीता ऊपर गई तो दोनों लड़के खून से लथपथ मिले. उनकी मौत हो चुकी थी। तभी तीसरा लड़का (पीयूष) गुटखे की पुड़िया लेकर आ गया। इसके बाद जावेद ने पीयूष पर भी हमला किया, चाकू से उसके हाथ में गंभीर चोट आई। हालांकि, वो बच गया। मृतक बच्चों के पिता विनोद ने FIR में लिखवाया है कि साजिद और जावेद से उनकी कोई दुश्मनी नहीं थी। उन्हें नहीं पता कि दोनों ने उनके बच्चों की हत्या क्यों की। फिलहाल, एक आरोपी साजिद पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया है। दूसरे आरोपी जावेद की तलाश की जा रही है।