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कौन सुनेगा दर्दः आसमान से बरस रही आग! कैसे बुझेगी ग्रामीणों की प्यास? कई गांवों में गहराया जल संकट

Who will listen to the pain: fire is raining from the sky! How will the villagers' thirst be quenched? Water crisis deepens in many villages

टिहरी। एक तरफ आसमान से बरसती आग और दूसरी तरफ उत्तराखण्ड के कई गांवों में पानी के संकट ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ाई हैं। कई यूं तो आज अधिकांश जगहों पर हर घर नल योजना के तहत पानी के कनेक्शन जुड़ गए हैं, लेकिन कई जगहों पर इस योजना के तहत लगे नल सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं। कहने को तो घर-घर नल लग गए, लेकिन अधिकारियों और ठेकेदारों की लापरवाही के चलते इन नलों में पानी नहीं पहुंच रहा है।अल्मोड़ा, हल्द्वानी, टिहरी समेत कई जगहों पर जल संकट गहराया है। अल्मोड़ा के द्वाराहाट में छानागोलू-च्याली क्षेत्र में हर घर नल योजना के तहत लगे कनेक्शन सिर्फ और सिर्फ शोपीस बने हुए हैं। यहां कई दिनों तक पानी न आने के चलते लोगों को दूर-दराज से पानी लाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। 

टिहरी के कोथली, कुशरानी, भिड़ेत, क्वीई व बवाणी के ग्रामीणों को इन दिनों बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। आलम ये है कि ग्रामीण छोटे वाहनों में 7 से 10 किलोमीटर दूर पेयजल के पानी का ढुलान कराने को मजबूर हैं। गांव क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध हो सके इसके लिए ग्रामीणों ने क्षतिग्रस्त पेयजल पाइप लाइन की मरम्मत व पानी का टैंकर लगाने की मांग को लेकर नरेंद्रनगर तहसील पहुंचकर तहसीलदार अयोध्या प्रसाद उनियाल को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों की समस्याओं को समझकर तहसीलदार उनियाल ने जल संस्थान के अवर अभियंता विनोद चमोली को ग्रामीणों के सामने तहसील में तलब किया। ग्रामीणों के साथ हुई वार्ता के दौरान तहसीलदार अयोध्या प्रसाद उनियाल ने जल संस्थान के अवर अभियंता को निर्देश देते हुए कहा कि इस भीषण गर्मी में ग्रामीणों को पेयजल संकट से न जूझना पड़े इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। इस दौरान निर्णय लिया गया कि क्षतिग्रस्त पेयजल पाइप लाइन की तुरंत मरम्मत की जायेगी तथा ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए टैंकर की भी तुरंत व्यवस्था की जायेगी। इधर ग्रामीणों का कहना है कि यदि तुरंत पेयजल समस्या का हल किया गया तो वे आंदोलन के लिए विवश होंगे।