उत्तराखण्डः पिरूल से राखियां बनाकर महिला समूह रच रही आत्मनिर्भरता की नई कहानी! पत्तियों से तैयार की जा रही खूबसूरत राखियां

Uttarakhand: Women's group is creating a new story of self-reliance by making Rakhis from Pirul! Beautiful Rakhis are being prepared from leaves

रुद्रप्रयाग। सीएम पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में उत्तराखंड की महिलाएं आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त कदम बढ़ा रही हैं। अब प्रदेश की महिलाएं जंगलों से जुड़ी प्राकृतिक संपदा का सार्थक उपयोग कर स्वरोजगार की मिसाल पेश कर रही हैं। रुद्रप्रयाग के ग्राम जवाड़ी की महिलाएं इस परिवर्तन की जीवंत मिसाल हैं। यहां हिमाद्री स्वयं सहायता समूह एवं जय रुद्रनाथ सीएलएफ से जुड़ी महिलाएं चीड़ की पत्तियों पिरूल से खूबसूरत राखियां तैयार कर रही हैं। यह पहल न केवल रोजगार को बढ़ावा दे रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और पारंपरिक त्योहारों को स्थानीय संसाधनों से जोड़ने का अभिनव उदाहरण भी बन रही है। समूह से जुड़ी महिलाओं ने बताया कि उन्होंने पूर्व में पिरूल से उत्पाद निर्माण का प्रशिक्षण प्राप्त किया था, जिसे अब रक्षा बंधन पर्व के अवसर पर राखी निर्माण में उपयोग किया जा रहा है। जंगल से एकत्र की गई पिरूल को सावधानीपूर्वक साफ़ कर, रचनात्मक ढंग से सजाया जाता है और सुंदर, रंग-बिरंगी राखियों का रूप दिया जाता है। इसके साथ ही महिलाओं द्वारा इन राखियों की पैकिंग भी स्वयं की जा रही है। महिलाओं का कहना है कि पिछले वर्ष भी उन्होंने पिरूल से राखियां बनाई थीं, जिन्हें लोगों ने खूब पसंद किया था। उनकी आमदनी भी अच्छी हुई थी। इस वर्ष भी बाज़ार में इन राखियों को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। इस नवाचार ने महिलाओं को एक स्थायी आय का साधन उपलब्ध कराया है। साथ ही लोकल फॉर वोकल के मंत्र को भी मजबूती से आगे बढ़ाया जा रहा है। राखियों की बिक्री स्थानीय बाज़ारों में शुरू हो चुकी है और इन्हें पर्यावरण हितैषी एवं प्राकृतिक उत्पाद के रूप में सराहा जा रहा है। यह पहल उत्तराखंड की ग्रामीण महिलाओं के हुनर, आत्मबल और नवाचार की कहानी है, जो प्रकृति से प्रेरणा लेकर आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ रही हैं।