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उत्तराखंडः पेपर लीक प्रकरण को लेकर नेता प्रतिपक्ष का बड़ा बयान! बोले- हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में हो सीबीआई जांच, सरकार पर खड़े किए सवाल?

Uttarakhand: Leader of the Opposition makes a major statement regarding the paper leak case! He calls for a CBI investigation under the supervision of a sitting High Court judge, raising questions ab

देहरादून। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले को लेकर जहां युवाओं में आक्रोश देखने को मिल रहा है, वहीं प्रदेश की सियासत भी गरमाती हुई नजर आ रही है। मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि उत्तराखंड में लाखों युवा सरकारी नौकरी के लिये कड़ी मेहनत और कठिन परिश्रम कर रहे हैं, लेकिन भर्ती परीक्षाओं में नकल माफियाओं के आगे प्रदेश सरकार बेबस नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में हुए पेपर लीक घोटाले के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर उत्तराखंड के युवा सड़कों पर आंदोलनरत हैं, लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार इस नकल प्रकरण को गम्भीरता से लेने की बजाय इसे साम्प्रदायिक रंग देने में जुटी हुई है। पेपर लीक तंत्र को सोची-समझी रणनीति के तहत नकल जिहाद बताना भाजपा के दोहरे चरित्र को बेनकाब करता है।

यशपाल आर्य ने कहा कि विचारणीय प्रश्न है की परीक्षा केंद्र आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज, बहादरपुर जट, जहां 18 कमरे थे, लेकिन जैमर लगे सिर्फ 15 में। अभियुक्त जिस कमरा नंबर 9 में बैठा था वहीं जैमर नहीं था। अब यह इत्तेफाक था या सोची-समझी साजिश। यह साफ इंगित करता है की परीक्षा तंत्र में सुराख बहुत गहरे हैं। यानि पेपर वहीं से लीक हुआ, जहां व्यवस्था सबसे कमजोर थी या यूं कहें, जहां व्यवस्था को जानबूझकर कमजोर किया गया, जिन लोगों ने युवाओं की मेहनत से खेल किया, उन्हें सिर्फ गिरफ्तारी तक सीमित रख देना क्या न्याय है? नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह कहानी सिर्फ एक लीक पेपर की नहीं है, यह उन लाखों बेरोजगार युवाओं के सपनों की हत्या है, जो हर दिन परीक्षा की तैयारी करते हैं। उन्होंने कहा कि क्यों नहीं पूछी जा रही जिम्मेदारी उन अफसरों से, जिन्होंने इस केंद्र को स्वीकृति दी? क्यों नहीं हुई पहले से जांच जैमर के कवरेज की? क्यों नहीं हुई निगरानी हर कमरे की? यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार द्वारा पेपर लीक कांड की जांच के लिये एसआईटी का गठन किया गया है। जिस प्रकार से नकल प्रकरण में भाजपा से जुड़े लोगों के नाम सामने आ रहे हैं उसे देखते हुए एसआईटी द्वारा निष्पक्ष जांच किये जाने की संभावना बेहद क्षीण है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उत्तराखंड सरकार को परीक्षा निरस्त करते हुए पेपर लीक कांड की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई से करानी चाहिये, ताकि सरकारी भर्ती परीक्षाओं की शुचिता के प्रति प्रदेश के नौजवानों का विश्वास कायम रखा जा सके।