उत्तराखण्डः मुख्यमंत्री की विधानसभा में अधिकारियों की कमी! तीन माह के भीतर पूर्ति निरीक्षक के कार्यमुक्ति के फरमान पर चढ़ा लोगों का पारा, डीएम को लिखा पत्र
चंपावत। पूर्ति निरीक्षक को चम्पावत से कार्यमुक्त न करने की मांग को लेकर यहां के दर्जनों लोगों ने जिलाधिकारी को पत्र को भेजा है। पत्र में कहा गया है कि शासन द्वारा पूर्ति निरीक्षक रवि सनवाल को इसी वर्ष जून माह में जनपद नैनीताल से चंपावत में अनिवार्य स्थानांतरण किया गया था, लेकिन तीन माह में ही विभागीय उच्चाधिकारियों से मिलीभगत कर पूर्ति निरीक्षक द्वारा पुनः नैनीताल जनपद में नियमों को ताक पर रखकर अपना संबंद्धिकरण करवा लिया गया है। पत्र में कहा गया कि चंपावत जनपद में कर्मचारियों की कमी है, जबकि नैनीताल जिले में पर्याप्त कर्मचारी है। ऐसे में उन्हें फिर से नैनीताल स्थांतरित करने का कोई औचित्य नहीं है। पत्र में लोगों द्वारा यह भी कहा गया कि मुख्यमंत्री की विधानसभा होने के बावजूद यहां अधिकारियों की कमी है, ऐसे में इस तरह के स्थानांतरण के आदेश मुख्यमंत्री के जीरो टॉलरेंस की नीति के सामने चुनौती बने हुए हैं। कहा गया कि अन्य विभागों द्वारा जहां समस्त संबद्धिकरण निरस्त किए जा रहे हैं, वहीं खाद्य पूर्ति विभाग द्वारा ऐसे फरमान जारी किया जा रहा है। मांग करते हुए कहा गया कि जनहित में उक्त संबद्धिकरण को निरस्त किया जाये।