उत्तराखण्डः नव निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष के पति पर सरकारी भूमि पर कब्जा करने का आरोप! आचार्य नौटियाल ने प्रशासन पर उठाए सवाल, न्यायालय से लगाई न्याय की गुहार

रुद्रप्रयाग। खांकरा जिला पंचायत सीट से हार का सामना कर चुकी रिंकी नौटियाल के पति आचार्य आनंद प्रकाश नौटियाल ने पत्रकार वार्ता करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष बनी पूनम कठैत के पति पर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत से अपात्र प्रत्याशी को चुनाव लड़ने दिया गया, जबकि नामांकन पत्र में भी साफ लिखा है कि सरकारी भूमि पर कब्जा करने वाला तथा उसके परिवार का सदस्य चुनाव नहीं लड़ सकता है। यहां नियम-कानूनों को दरकिनार करते हुए अधिकारियों ने अपात्र प्रत्याशी का साथ दिया। मामले में न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई गई है। कहा कि नामांकन के बाद उन्होंने प्रशासन से शिकायत की, मगर उनकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिसके बाद वे न्यायालय में शिकायत करने को मजबूर हुए। गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस में पत्रकार वार्ता में आनंद प्रकाश नौटियाल ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में खांकरा जिला पंचायत सीट में तहसील प्रशासन द्वारा अनियमितिता बरती गई है। कहा कि यहां से जीतकर जिला पंचायत अध्यक्ष बनी पूनम कठैत के पति विनोद सिंह कठैत का बच्छणस्यूं के कांडई पुल में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर मकान बनाया गया है। तीन मंजिला मकान में दुकान, बिजली बिल और जीएसटी आदि साक्ष्य मेरे पास मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि जिपंस के लिए नामांकन के दौरान उन्होंने रिटर्निंग ऑफिसर को 9 जुलाई को शिकायत दी थी कि उनके खिलाफ चुनाव लड़ रही प्रत्याशी के पति का मकान सरकारी भूमि पर अतिक्रमण का है, जबकि दस जुलाई को जिलाधिकारी के निर्देशों पर एक जांच टीम बनाई गई, जिसने जांच की, लेकिन तहसील प्रशासन ने मामले में जिस व्यक्ति विनोद सिंह कठैत के नाम हमारी शिकायत थी, उसके बदले उसके भाई का नाम बदल कर रिपोर्ट दे दी। जिससे नामांकन पत्र स्वीकार कर दिया गया। जबकि हमने निजी स्तर पर जांच की और सूचना अधिकार के तहत जानकारी चाही तो लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2023 में जिस भूमि पर कब्जा किया गया है, वह विनोद सिंह के नाम दर्ज है। बाद में यह पत्र भी रिटर्निंग ऑफिसर को दिया, मगर कोई कार्यवाही नहीं की गई और उन्हें गलत तरीके से चुनाव जीतने का अवसर दिया गया। कहा कि जिला प्रशासन स्तर से उनकी मांग न माने जाने पर जिला न्यायालय में शिकायत की गई है, जिस पर उन्हें पूरी उम्मीद है। कहा कि जल्द इसका भी फैसला आएगा। उन्होंने कहा कि तहसील प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत से अपात्र व्यक्ति को चुनाव लड़ने का मौका दिया गया, यह सरासर लोकतंत्र की हत्या है। इसके लिए उन्हें अगर हाईकोर्ट तक भी जाना पड़े तो वे पीछे नहीं हटेंगे।