उत्तराखण्डः किच्छा के सिरोलीकलां में नगर पालिका चुनाव का मामला! हाईकोर्ट ने एसडीएम से पूछे सवाल, कल फिर होगी सुनवाई

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट में ऊधम सिंह नगर जिले के किच्छा सिरोलीकलां में नगर पालिका चुनाव कराने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट की खंडपीठ ने उपजिलाधिकारी से पूछा है कि ऐसी क्या जरूरत पड़ी की सिरोली कलां के चार वार्ड को नगर पालिका किच्छा से अलग किया गया, जबकि पहले इनको इसमें शामिल किया गया। अब चार वार्ड को लेकर नई नगर पालिका बनाई जा रही है। कोर्ट ने उपजिलाधिकारी से यह भी पूछा कि नई नगर पालिका की जनसंख्या कितनी है, उसका भू-क्षेत्र कितना है, क्या सर्वे रिपोर्ट है, ये सब कल तक कोर्ट में पेश करें। मामले में अगली सुनवाई कल होगी। बता दें कि किच्छा के सिरोलीकलां ग्राम निवासी मोहम्मद याशीन सहित अन्य ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि किच्छा नगर पालिका का विस्तारीकरण वर्ष 2018 में हुआ था। जिसमें सिरौलीकलां, बंडिया, देवरिया व आजादनगर को बाद में शामिल किया गया था। वर्ष 2018 में ही नगर पालिका के चुनाव हुए, जिसमें सिरौलीकलां क्षेत्र में तीन वार्ड 18, 19 व 20 व कुछ क्षेत्र वार्ड नं. 17 को भी शामिल किया गया, फिर हटा दिया गया। बाद में कोर्ट के आदेश पर फिर शामिल कर दिया गया। जबकि सिरौलीकलां नगर पालिका किच्छा में विगत 6 वर्षों से शामिल है तथा नगर पालिका द्वारा इस क्षेत्र में अभी तक लगभग 5 करोड़ के विकास कार्य किये जा चुके हैं। अब वर्तमान में सिरौलीकलां को किच्छा नगर पालिका से पृथक किया जा रहा है, जिसका सिरौलीकलां क्षेत्रवासी विरोध करते हैं। वह चाहते हैं कि सिरौलीकलां को नगर पालिका में ही रखा जाए और उनके यहां भी अन्य नगर पालिकाओं का कार्यकाल समाप्त होने के बाद तुरंत चुनाव कराए जाएं। जबकि कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी प्रशासक पालिका का कार्यभार सभालें हुए हैं। जिसकी वजह से उनके कई जरूरी कार्य नही हो पा रहे हैं।