उत्तराखण्डः रामपुर तिराहा काण्ड मामले में सुनवाई! हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से दो सप्ताह में मांगा जवाब

नैनीताल। हाईकोर्ट ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चर्चित रामपुर तिराहा कांड के मामले पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 2 बाद की तिथि नियत की है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया गया कि जब से मुकदमे दर्ज हुए उनमें से 6 मुकदमों पर कोई सुनवाई नही हो रही है। 30 साल बीत गए उनकी क्या स्थिति है कुछ पता नही है। सुनवाई पर कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि जो छः मामले दर्ज हुए थे वे किस कोर्ट में चल रहे हैं उनकी क्या स्थिति है। राज्य आंदोलनकारी अधिवक्ता रमन शाह ने बताया कि इस मामले में सात महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ था, जबकि 17 अन्य को प्रताडि़त किया गया था। मामले में मुख्य आरोपी मुजफरनगर के तत्कालीन जिलाधिकारी अनंत कुमार सिंह तथा सात अन्य आरोपितों के मामले सीबीआई की ओर से मुजफरनगर कोर्ट को स्थानांतरित कर दिए गए थे। इनकी सुनवाई अभी तक लंबित है।
बता दें कि 2 अकटूबर 1994 को पृथक राज्य की मांग को लेकर प्रदर्शन के लिए दिल्ली कूच कर रहे आंदोलनकारियों पर मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा में पुलिस की ओर से भारी अत्याचार किए गए। इस दौरान महिला आंदोलनकारियों के साथ दुष्कर्म किया गया और सात आंदोलनकारियों की मृत्यु हो गई। कोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। अनंत कुमार पर राज्यपाल की ओर से मुकदमे की अनुमति न मिलने से उन्हें छूट मिल गई। सीबीआई ने मुकदमों में मामलों में हत्याए घातक हथियारों व फायरिंग से गंभीर चोट पहुंचाने आदि धाराओं में मामले दर्ज किए। इस मामले में सुनवाई विभिन्न कारणों से लंबित ही रही। छः मुकदमे जिन्हें उच्च न्यायलय के रजिस्ट्रार जनरल के एक पत्र पर इन मुकदमों में मुज्जफरनगर कोर्ट में सुनवाई हेतु भेज दिया। तब से इनमें कोई सुनवाई नही हो पा रही है। इसलिए इनमें शीघ्र सुनवाई हेतु निर्देश दिए जाएं।