उत्तराखंड:आज है रक्षाबंधन!उत्तराखंड में तिवारी लोग आज भी नही मनाएंगे रक्षाबंधन?इनकी रक्षाबंधन कब और किस दिन होती है जानिए ये रोचक जानकारी खबर के लिंक में

Uttarakhand: Even today many people are celebrating Rakshabandhan! In Uttarakhand, Tiwari people will not celebrate Rakshabandhan even today? When and on which day is their Rakshabandhan, know this i

इस वर्ष रक्षाबंधन दो दिन मनाई जा रही है कुछ लोगो ने बीते रोज यानी 11 अगस्त को ही रक्षाबंधन मना ली तो कई लोग आज यानी 12 अगस्त को राखी का त्यौहार मना रहे है। भद्रा नक्षत्र के चलते ज्योतिषियों ने 11 अगस्त को शाम बीत जाने के बाद शुभ मुहूर्त बताया जबकि आज पूरे दिन रक्षासूत्र बांधा जा सकता है।

अगर आप देवभूमि उत्तराखंड के निवासी है तो आपके लिए ये खबर चौकाने वाली या आश्चर्य जनक नही है क्योंकि आपको तो शत प्रतिशत पता ही होगा कि तिवारी लोग रक्षाबंधन का त्यौहार है हरतालिका के दिन मनाते है। जबकि पूरे देश मे जिस दिन सभी रक्षाबंधन मनाते है उस दिन तिवारी लोग राखी नही बंधवाते।जिन्हें ये नही पता था,उन्हें हम बता देते हैं कि हरतालिका पर्व पर तिवारी (समुदाय) लोग रक्षाबंधन मनाते हैं,हर साल तिवारी लोग हरतालिका के ही दिन रक्षाबंधन मनाते है जबकि पूरा भारत हरतालिका से पहले ही रक्षाबंधन मना चुका होता है। तिवारी समुदाय के लोग आज उपाकर्म के बाद नई जनेऊ धारण करते हैं,ऐसा सिर्फ उत्तराखंड के तिवारी ही नहीं बल्कि मैदानी क्षेत्रों में भी सामवेदी तिवारी व त्रिपाठी समुदाय के लोग श्रावणी पूर्णमासी की जगह हरितालिका तृतीया को उपाकर्म कर जनेऊ बदलते हैं और हरतालिका के ही  दिन रक्षाबंधन का त्यौहार भी मनाते हैं। इसके पीछे कई मान्यताएं है सामवेदी और कोसमनि शाखा के तिवारी आम लोगों के साथ रक्षाबंधन नहीं मनाते क्योंकि कहा जाता है कि ब्रह्मा की ओर से यज्ञोपवित बांटे जाने के समय इस समुदाय के लोग नहीं पहुंच पाए थे,जिसकी वजह से इस समुदाय को यग्योपवित इन्हें नही मिल पाया और ये अपना जनेऊ नही बदल पाए।

एक और मान्यता के अनुसार ये समुदाय गौतम ऋषि का अनुयायी है।,एक बार की बात है जब गौतम ऋषि किसी विवाद में उलझ गए, इस वजह से हस्त नक्षत्र का समय निकल गया, जिस वजह से ये समुदाय जनेऊ बदलने में असमर्थ हो गया,इसके बाद हस्त नक्षत्र भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया यानी हरतालिका के दिन पड़ा,तभी से तिवारी समुदाय के लोग हरतालिका के ही दिन रक्षा बंधन मनाते आ रहे हैं।