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उत्तराखण्डः नदियों से उप खनिजों के खनन व अवैध खनन का मामला! हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, सरकार को दिए सख्त निर्देश

Uttarakhand: Case of mining of sub-minerals from rivers and illegal mining! Hearing held in High Court, strict instructions given to the government

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नदियों से उप खनिजों के खनन व अवैध खनन को लेकर दायर अलग-अलग जनहित याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से केंद्र सरकार की खनन नियमावली, हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में दिये गए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा है। कोर्ट ने अवैध खनन व राज्य की सीमाओं पर उप खनिजों की चोरी रोकने के लिए खनन टास्क फोर्स व पुलिस को सख्त सर्विलांस सिस्टम देने, नाइट विज़न ड्रोन कैमरे व अत्याधुनिक तकनीकी युक्त हथियार दिए जाने आदि के बारे में दो हफ्ते के भीतर एक्शन प्लान देने के साथ ही केंद्रीय खनन नियमावली के अनुसार अवैध खनन के जुर्मानों के निपटारे के लिए स्पेशल कोर्ट गठित करने हेतु प्रस्ताव सरकार को देने के निर्देश राज्य के न्याय सचिव को दिए हैं। इन याचिकाओं की सुनवाई के दौरान प्रदेश के सचिव न्याय प्रशांत जोशी, खनन सचिव, प्रमुख वन संरक्षक सहित कई अन्य अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश हुए थे। बता दें कि बागेश्वर में अवैध खनन को लेकर स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका सहित कई अन्य याचिकाओं की सुनवाई में सोमवार को अवैध खनन रोकने व सीमावर्ती क्षेत्रों में उप खनिजों की चोरी रोकने के लिये एक्शन प्लान बनाने व इस प्लान को दो हफ्ते के भीतर कोर्ट में पेश करने को कहा है। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि केंद्रीय खनन नियमावली में बरसात के बाद नदियों में जमा उप खनिजों के दोहन को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश हैं। इन निर्देशों का कड़ाई से पालन हो।