Awaaz24x7-government

यूजीसी का बड़ा फैसला! M.Phil डिग्री वाले 1,421 प्रोफेसरों को मिलेगा प्रमोशन, जानें पूरा मामला?

UGC's big decision! 1,421 professors with M.Phil degree will get promotion, know the whole matter?

नई दिल्ली। यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) ने महाराष्ट्र में 1,421 प्रोफेसरों को एनईटी और एसईटी पात्रता से उन्हें छूट दे दी है, जिनके पास मास्टर ऑफ फिलॉसफी (एमफिल) पोस्ट-ग्रेजुएट डिग्री है। ये प्रोफेसर अपनी शैक्षणिक साख की मान्यता के लिए 25 साल से अधिक समय से इंतजार कर रहे थे। इस फैसले से इन प्रोफेसरों को सीनियर और चयन ग्रेड में पदोन्नति का रास्ता भी साफ हो गया है। राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल के मुताबिक, यह मामला काफी समय से लंबित था। साल 1993 से पहले और 14 जून 2006 से 11 जुलाई 2009 के बीच भी एम.फिल. की डिग्री को शिक्षण पदों पर नियुक्ति के लिए वैलिड योग्यता माना जाता था। हालांकि 1994 से 2009 के बीच एम.फिल. की डिग्री हासिल करने वाले प्रोफेसरों को इस लाभ से वंचित रखा गया और NET/SET योग्यता न होने के कारण उन्हें पदोन्नति का मौका नहीं मिला। चंद्रकांत पाटिल ने बताया कि इस मामले को बार-बार केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और यूजीसी अधिकारियों के सामने उठाया गया। इन प्रोफेसरों के खिलाफ हो रहे अन्याय को उजागर करने पर राज्य सरकार ने बाकी लोगों के लिए छूट देने का अनुरोध किया था और अब यूजीसी ने 1,421 प्रोफेसरों को नेट/सेट पात्रता से छूट दे दी है, जिससे उन्हें एम.फिल. डिग्री प्राप्त करने की डेट से पदोन्नति के लिए विचार करने की अनुमति मिल गई है। उन्होंने कहा, ‘यह सीनियर प्रोफेसरों के लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिन्होंने दशकों तक बिना किसी उचित मान्यता के एजुकेशन सिस्टम की सेवा की है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से अब इन प्रोफेसरों को सीनियर और चयन ग्रेड में उनकी लंबे समय से प्रतीक्षित पदोन्नति मिल सकेगी।

M.Phil को खत्म करने की सिफारिश

एम.फिल (M.Phil) यानी मास्टर ऑफ फिलॉसफी एक रिसर्च-आधारित पोस्टग्रेजुएट डिग्री होती है, जो किसी विषय में गहन अध्ययन, विश्लेषण और रिसर्च की क्षमता विकसित करती है। हालांकि नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के बाद यूजीसी ने एमफिल को धीरे-धीरे खत्म करने की सिफारिश की है, फिर भी कई विश्वविद्यालयों में यह डिग्री अभी भी उपलब्ध है। यूजीसी की गाइडलाइन के मुताबिक पीएचडी अब मास्टर्स के बाद सीधे की जा सकती है।

एमफिल करने के फायदे
एमफिल करने वालों को कई विश्वविद्यालयों में पीएचडी में डायरेक्ट एडमिशन या वेटेज मिलता है और कुछ संस्थानों में पीएचडी एंट्रेंस से छूट भी मिलती है। एमफिल करने के बाद कॉलेज लेक्चरर, गेस्ट फैकल्टी या स्कूलों में PGT (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) बना जा सकता है। नेट/जेआरएफ की तैयारी के साथ एमफिल का अनुभव एक प्लस पॉइंट होता है।