उत्तराखण्ड के युवाओं में बढ़ते ई-कल्चर को पी-कल्चर में किया जाएगा तब्दील! विधायक खेल कूद प्रतियोगिता बनेगा मंच,सीएम ने दिये दिशा निर्देश

The growing e-culture among the youth of Uttarakhand will be transformed into p-culture! MLA sports competition will become the platform, CM gave guidelines

डिजिटलाइजेशन के इस दौर में लगभग सभी चीज इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म पर सीमित हो गई है। यही वजह है कि युवाओं में लगातार इलेक्ट्रॉनिक संस्कृति भी बढ़ती जा रही है। जो भविष्य के लिहाज से काफी अधिक खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार ने युवाओं में बढ़ते ई-कल्चर (इलेक्ट्रॉनिक कल्चर) को पी-कल्चर (प्लेग्राउंड संस्कृति) में तब्दील करने का निर्णय लिया है। जिसके लिए प्रदेश के सभी विधानसभाओं में विधायक खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। जिससे खिलाड़ियों को एक मंच मिलने के साथ ही नई खिलाड़ियों को अपना बेहतर प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा। 

दरअसल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में युवा कल्याण विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान सीएम ने कहा कि स्थानीय स्तर पर युवाओं को खेलों से जोड़ा जाए। युवाओं के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए उन्हें साहसिक खेल गतिविधियों का प्रशिक्षण, सेना, अर्द्धसेना और पुलिस बलों में भर्ती से पहले प्रशिक्षण दिया जाए। उनके बेहतर भविष्य के लिए परामर्श केंद्र स्थापित कर युवाओं को शिक्षा, रोजगार और अन्य विषयों की जानकारी दी जाए। इसके साथ ही युवाओं में बढ़ते नशे की प्रवृति को रोकने के लिए लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं। 

सीएम ने कहा कि विभाग की सभी खेल परिसंपत्तियों को अधिक से अधिक इस्तेमाल किए जाने के साथ ही इसके रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाए। राज्य के सभी बहुउद्देशीय हॉल में खेल गतिविधियों का आयोजन और स्थानीय सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की जाए। उन्होंने बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के साथ ही अधिक से अधिक जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए. साथ ही सीएम ने मुख्य सचिव को गेम चेंजर योजनाओं की लगातार समीक्षा करने के भी निर्देश दिए। इसके साथ ही सीएस पहले से चल रही योजनाओं में सुधार के लिए बनाई गई कार्ययोजना की अपने स्तर से समीक्षा करेंगे। जिससे योजनाओं को बेहतर तरीके से धरातल पर लागू किया जा सके। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दिए कि छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। व्यावसायिक, उद्यमिता और रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए।  उच्च शिक्षा से डिग्री प्राप्त करने के बाद युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उनके कौशल विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। विदेशों में मानव संसाधन की आवश्यकता के अनुसार युवाओं को विदेशी भाषा के साथ ही कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाए। विदेशों में रोजगार के लिए राज्य से दक्ष मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए विदेशी दूतावासों से संपर्क कर तमाम देशों की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए।