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ये कैसा अनुशासन? स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम का आमंत्रण पत्र वायरल! उठे सवाल- तो क्या नहीं रखा गया उत्तराखण्ड विधानसभा अध्यक्ष की गरिमा का ध्यान

What kind of discipline is this? The invitation letter for the Independence Day program went viral! Questions raised- So was the dignity of the Uttarakhand Assembly Speaker not taken care of?

देहरादून। उत्तराखण्ड विधानसभा से जुड़ा एक पत्र सोशल मीडिया पर खासा वायरल हो रहा है। इस पत्र को लेकर जहां भाजपा की किरकिरी हो रही है, वहीं प्रशासनिक कार्यशैली को लेकर भी कई सवाल भी उठ रहे हैं। 
दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल यह पत्र मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन को लिखा गया है। जो हेम चंद्र पंत, उप सचिव (लेखा) कृते सचिव की ओर से भेजा गया है। हांलाकि आवाज 24x7 वायरल पत्र की पुष्टि नहीं करता है। पत्र में कहा गया है कि स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में परेड ग्राउण्ड, देहरादून में आयोजित समारोह में अन्य गणमान्य अतिथियों के साथ विधानसभा अध्यक्ष को भी आमंत्रित किया गया है। पत्र में आगे कहा गया कि सचिव, सूचना विभाग ने निमंत्रण पत्र के साथ परेड ग्राउण्ड की व्यवस्था का एक मानचित्र भी प्रेषित किया है। पत्र में कहा गया है कि सलंग्न मानचित्र की ओर आपका ध्यान आकर्षित करते हुए अवगत कराना चाहता हूं कि विधानसभा अध्यक्ष के बैठने का स्थान मुख्यमंत्री अतिथिगण के पश्चात् निर्धारित किया गया है। पत्र में आगे कहा गया है कि प्रथम दृष्टया स्पष्ट है कि विधानसभा अध्यक्ष के बैठने हेतु उनकी गरिमा का उचित ध्यान नहीं रखा गया है, जो खेद का विषय है। कहा गया कि विधानसभा अध्यक्ष का पद संवैधानिक पद है और यह विचाराधीन बैठने की व्यवस्था इस पद की अवमानना है। ऐसे में विधानसभा ने इसपर अप्रसन्नता प्रकट की है। पत्र में आगे कहा गया कि विधानसभा अध्यक्ष को उनकी गरिमा के अनुकूल सम्मानजनक स्थान आवंटित नहीं हो रहा है, ऐसे में उनका कार्यक्रम में सम्मिलित होना उचित नहीं होगा। अब इस वायरल पत्र के बाद अपने कड़े अनुशासन के लिए जाने जानी वाली भारतीय जनता पार्टी में संवैधानिक पदों की गरिमा का ध्यान न रखे जाने को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं।