नैनीताल जिला पंचायत चुनाव: हाईकोर्ट ने जताई गंभीर चिंता, गृह सचिव और डीजीपी को किया तलब!कोर्ट ने पूछा एसपी इंटेलिजेंस ने कोई इनपुट दिया? गन कल्चर, लाल कार, बाहरी लोग, एंटी सोशल एक्टिविटी को लेकर क्या कहा कोर्ट ने?

नैनीताल। नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष चुनाव के दौरान हुई हिंसक घटना और फायरिंग को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गंभीर चिंता जताई है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जी नरेंदर और जस्टिस सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने इस मामले में गन कल्चर के बढ़ने और सार्वजनिक शांति भंग होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। कोर्ट ने गृह सचिव और डीजीपी को शुक्रवार को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने बताया कि घटनास्थल के पास एक होटल के बाहर खड़ी लाल कार में तलवारें मिलीं, जिसे कब्जे में ले लिया गया है। कार मालिक फिलहाल फरार है। घटना में शामिल 14 लोगों की पहचान की गई है, जिनमें से रामपुर, उत्तर प्रदेश के मनदीप सिंह को तलवारों के साथ गिरफ्तार किया गया है। जांच में अब तक उसका कोई आपराधिक इतिहास सामने नहीं आया है। घटना में दो-तीन लोग रामपुर, दो-तीन रुद्रपुर और सात-आठ लोग नैनीताल से शामिल थे। उनकी कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) निकाली जा रही है और एफआईआर दर्ज की गई है।
एसएसपी ने कोर्ट को बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है और होटलों की तलाशी ली जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि बाहरी लोग कहां रुके थे। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि वीडियो में दिखाई देने वाले लोग असामाजिक गतिविधियों में शामिल थे या नहीं। एसएसपी ने स्पष्ट किया कि अपहरण के आरोपी हिस्ट्रीशीटर नहीं हैं।
कोर्ट ने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और एसएसपी ने घटनाक्रम और काउंटिंग प्रक्रिया से संबंधित शपथपत्र दाखिल किए हैं, जिन्हें रिकॉर्ड में लिया गया है। कोर्ट ने इस घटना को गंभीर मानते हुए कहा कि इससे लोग भयभीत हुए हैं और गन कल्चर के कारण शांति भंग हुई है। कोर्ट ने फिलहाल काउंटिंग या चुनाव परिणाम के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिए, लेकिन याचिका पर अगली सुनवाई के लिए गुरुवार का दिन तय किया है।
संवैधानिक प्रावधानों का उल्लेख
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 और 243K का जिक्र किया। अनुच्छेद 324 भारत निर्वाचन आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की शक्ति प्रदान करता है, जो राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, संसद और राज्य विधानमंडलों के चुनावों की देखरेख करता है। वहीं, अनुच्छेद 243K पंचायत चुनावों से संबंधित है, जो राज्य निर्वाचन आयोग को मतदाता सूची तैयार करने और पंचायत चुनावों के संचालन, निर्देशन और नियंत्रण की जिम्मेदारी देता है। राज्य निर्वाचन आयोग के तहत राज्य चुनाव आयुक्त को राज्यपाल द्वारा नियुक्त किया जाता है, और उनकी सेवा शर्तें राज्य विधानमंडल द्वारा बनाए गए कानूनों के अधीन होती हैं। इस प्रावधान के तहत पंचायत चुनावों को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग की है।